एंटीबायोटिक का लगातार सेवन से हृदय रोगियों के लिए हृदय रोगियों की मौत की आशंका बढ़ जाती है। अमेरिकी खाद्य एवं दवा प्रशासन (यूएसएफडीए) ने लोगों को आगाह किया है कि सामान्य संक्रमण में ली जाने वाली एंटीबायोटिक सेवन के कई वर्षों बाद भी जानलेवा हो सकती हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि त्वचा, कान, साइनस और फेफड़ों में संक्रमण के लिए दी जाने वाली एंटीबायोटिक क्लैरिथ्रोमाइसिन के प्रति भी सावधान किया है।
इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए विशेषज्ञों ने हृदय रोग से पीड़ित मरीजों के आंकड़ों पर 10 वर्षों तक अध्ययन किया। शोध के दौरान उन्होंने देखा कि दो हफ्ते से अधिक समय तक क्लैरिथ्रोमाइसिन दवा का सेवन करने वालों में हार्ट अटैक या अचानक मौत की आशंका अधिक थी। क्लैरिथ्रोमाइसिन और अजिथ्रोमाइसिन एक ही समूह की दो आमतौर पर दी जाने वाली दवाएं हैं। हालांकि एफडीए की मंजूरी से क्लैरिथ्रोमाइसिन का इस्तेमाल 25 साल से भी अधिक समय से किया जाता रहा है। एफडीए का कहना है कि क्लैरिथ्रोमाइसिन एंटीबायोटिक के मैक्रोलाइड्स समूह में आती है, जो संक्रमण से लड़ने के लिए बैक्टीरिया में प्रोटीन के उत्पादन को रोकती है।