कोरोनावायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है ऐसे में अभी तक इसकी कोई दवा भी सामने नही आई है हालाकि बहुत सारी वैक्सीन का अभी ट्रायल जारी है। कोरोना वायरस हर उम्र के वर्ग को अपनी चपेट में ले रहा है ऐसे में शनिवार को एक राहत भरी खबर आई। न्यूयार्क के इकैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के विशेषज्ञों का कहना है कि मां का दूध पीने वाले बच्चे का वायरस कुछ नही बिगाड़ सकता। इसका कारण ये है कि मां के दूध में वो एंटीबॉडी मिले है जो शिशु को संक्रमण से बचा सकते है। शोध में ये बात सामने आई कि संक्रमण के दौरान या बाद में मां शिशु को दूध पिला सकती है क्योकि मां के दूध के जरिए शिशु में संक्रमण का खतरा नही हो सकता।
मां के दू़ध में है बेहद शक्ति
माउंट सिनाई स्कूल ऑफ मेडिसिन में असिस्टेंट प्रोफेसर रिबेका पावेल और उनकी टीम ने शोध में ये माना है कि मां के दूध में कोरोना से लड़ने की क्षमता बहुत ज्यादा होती है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि मां के दूध में जो मौजूदा एंटीबॉडी होते है उससे वायरस से लड़ने का रास्ता ढूंढा जा सकता है क्योकि मां के दूध में मौजूद एंटीबॉडी कोरोना से लड़ने में मददगार साबित हो सकते है।
इस अध्ययन में कोरोना से ठीक हुई 15 महिलाओं पर इसका अध्ययन किया गया और 80 फीसद महिलाओं में वो एंटीबॉडी पाए गए। ये एंटीबॉडी इतने शक्तिशाली है कि ये फ्लू जैसी बिमारी से लड़ने में काफी सक्षम है। डॉक्टरों के मुताबिक अगर बच्चा बिमार है या फिर कोरोना संक्रमित है तो भी मां पूरी सावधानी के साथ अपने शिशु को दुध पिलाए।
इतना ही नही बल्कि यूपी के बस्ती जिले में नवजात को कोरोना संक्रमित पाया गया और उसे मां के साथ ही गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया और मां अपने बच्चे को दूध पिलाती रही। डॉक्टरों ने कहा कि मां के दूध से बढ़ी हुई आत्म प्रतिरक्षा के कारण बच्चा बिना किसी दवा के 13 दिन के अंदर ही ठीक हो गया।