चीन के वुहान से निकले कोरोना ने लगभग पूरी दुनिया को अपने जद में ले चूका है, पूरी दुनिया में कोरोना सं'क्र'मितों की संख्या 36.59 लाख से अधिक पहुँच चुकी है। इस वायरस के कारण अब तक 2,57,207 लोगों की मौ'त हुई है। कोरोना का कहर अभी दुनिया से खत्म नहीं हुआ कि एक और अंजान बीमारी ने दुनिया पर धावा बोल दिया है।
अमेरिका और यूरोप के कई देशों में बीमारी के मामले सामने आए हैं। इस बीमारी को पीडिएट्रिक मल्टी-सिस्टम इनफ्लेमेट्री सिंड्रोम नाम दिया गया है। इसे कोरोना से भी जोड़कर देखा जा रहा है। ब्रिटेन में तकरीबन 64 बच्चे और किशोर इस बीमारी से जूझ रहे हैं। ब्रिटेन में तो इससे एक बच्चे की मौ'त भी हो गई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे बच्चों में कई दिनों तक तेज बुखार रहता है। पेट में दर्द होता है और बार-बार उल्टी आती है। कुछ मरीज बहुत गंभीर स्थिति में लाए गए हैं जिनमें निम्न रक्तचाप और तेज बुखार की शिकायत थी। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में प्रोफेसर जेन न्यूबर्गर का कहना है कि इसके अभी तक बहुत कम मामले आए हैं लेकिन संख्या लगातार बढ़ रही है। डॉक्टर और वैज्ञानिक अभी इसकी तह में जाने की कोशिश कर रहे हैं। यह पता नहीं चल पा रहा है कि यह कुछ ही बच्चों को क्यों निशाना बना रही है।
कुछ ऐसे भी हैं जिनके कोरोनरी आर्टरी की समस्या है। कुछ मरीजों में टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम जैसे लक्षण देखने को मिले हैं। उन्हें पेट दर्द, उल्टी और डायरिया की शिकायत है। उनके शरीर और सीने में भारी जलन है।
मरीजों को इमुनोग्लोबिन दिया जा रहा है जिससे इम्यून सिस्टम सुधरता है और सीने व पेट में जलन कम करने में मदद मिलती है। साथ ही उन्हें स्टेरॉइड और साइटोकाइन ब्लॉकर्स भी दिया जा रहा है। हालाँकि इस बीच एक अच्छा संकेत भी आ रहा है। ओ लीरी ने कहा कि यह बीमारी यूरोप से शुरू हुई थी और वहां से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि अधिकांश बच्चे इससे उबर जाएंगे।