देश में लगे लॉकडाउन के दौरान दूरदर्शन पर प्रचलित धार्मिक सीरियल 'महाभारत' का प्रसारण हो रहा है। दर्शक इस सीरियल को बहुत पसंद कर रहे हैं। अब तक आपने देखा कि गुरुद्रोण और युधिष्ठर आपस में युद्ध कर रहे हैं। गुरुद्रोण ने युधिष्ठर का धनुष तोड़ दिया है। दूसरी तरफ, शल्य भी घायल हो चुके हैं। भीष्म पितामह कहते हैं कि इस रणभूमि में लाशों के ढेर लगेंगे और यह सब मेरी वजह से है। मैंने भारतवंश की ओर आने वाली सभी परेशानियों को वापस लौटाने के सभी प्रयत्न किए लेकिन मैं असफल रहा। हस्तिनापुर के अपराधियों में कहीं न कहीं मैं भी अवश्य खड़ा हुआ हूं। आज के एपिसोड में जानिए आगे क्या हुआ...
12.12PM दुर्योधन ने कर्ण से कहा कि जाओ मैं तुम्हें तुम्हारे ऋण से मुक्त करता हूं। आज तक मैं सोचता था कि तुम मेरे मित्र हो, लेकिन ऐसा नहीं है। कर्ण ने कहा मैं इस तरह का दान कभी नहीं लूंगा। मैं अपनी निष्ठा साबित करूंगा। इसके बाद कर्ण खुद को मारने की कोशिश करते हैं लेकिन दुर्योधन उन्हें बचा लेते हैं। तभी वहां गुरुद्रोण पहुंचते हैं।
12.10PM गुरुद्रोण को लेकर दुर्योधन चिंतित हैं। शकुनि बोलते हैं कि वह पांडवों को हमारी चाल के बारे में बताने गए हैं। भीष्म पितामह तो ऐसा पहले कर चुके हैं। यह सुनकर कर्ण गुस्सा हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों महा योद्धाओं के बारे में ऐसा मत कहिए। उनकी निष्ठा पर सवाल मत उठाइये। कर्ण ने कहा कि ऐसे लोग आदरणीय होते हैं।
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