रामानंद सागर की रामायण का नाम भारतीय टेलीविजन के इतिहास में सबसे कामयाब शोज की लिस्ट में आता है. वहीं ये उस दौर की बात है जब रामायण को देखने के लिए गलियों में सन्नाटा पसर जाता था. सभी अपने-अपने घरों में टीवी के आगे बैठे होते थे और जिनके घर टीवी नहीं थे वो पड़ौसियों के घरों में जाकर इस शो का आनंद लिया करते थे. वहीं महिलाएं चप्पलें उतार कर और सिर पर पल्लू डाल कर टीवी के सामने बैठा करती थीं और कलाकारों को वास्तविक जीवन में भी भगवान जैसा सम्मान दिया जाता था.लॉकडाउन के दौरान दूरदर्शन रामायण का पुनः प्रसारण कर रहा है. इसके साथ ही रामायण की शूटिंग के किस्से सोशल मीडिया पर खूब लोकप्रिय हो रहे हैं.
इसी बीच रामायण में लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले दिग्गज कलाकार सुनील लहरी के साथ आजतक ने खास बातचीत की. सुनील लहरी बातचीत के दौरान पुरानी यादों में खो गए और उन्होंने बताया कि उन दिनों चीजें किस तरह से हुआ करती थीं. इसके साथ ही सुनील ने अपनी सैलरी से लेकर शूट के दौरान की दिक्कतों तब तमाम सीक्रेट्स रिवील किए.सुनील लहरी ने बताया, "हम शूट करने से पहले रिहर्सल करते थे. उतनी हिंदी तो तब भी नहीं बोली जाती थी. परन्तु डायलॉग को याद करके हम सीन को दिया करते थे. जैसे कोई हीरो तमिल भाषा को सीखे बिना उसके डायलॉग बोल देता है. वैसा ही कुछ था. धीरे-धीरे शुद्ध हिंदी भी आराम से बोलने लग गए.
आपकी जानकारी के लिए बता दें की सेट पर सुनील लहरी को कई शब्द बोलने में परेशानी होती थी. सीन में वो अटपटे नहीं लगे इसलिए हम उन्हें कई बार दोहराते हुए प्रैक्टिस कर लेते थे.वहीं सबसे ज्यादा इस बात का ध्यान रखना पड़ता था कि कोई उर्दू का शब्द नहीं आए.वहीं "सुनील लहरी ने बताया कि उस दौर में एक पूरा शो शूट करके भी ये कल्पना नहीं की जा सकती थी कि आप अपना घर बना लेंगे. वहीं सैलरी के सवाल पर सुनील लहरी ने बताया, "बस इतना कहूंगा कि पीनट्स मिलते थे. तब इतना खर्चा भी नहीं था आज के जमाने की तरह." इसके साथ ही सुनील ने सीधे तौर पर नंबर्स तो नहीं बताए कि उन्हें कितने रुपये मिला करते थे परन्तु उन्होंने इतना जरूर कहा कि फीस बहुत कम हुआ करती थी.