1963 में किशोर कुमार द्वारा सत्यजीत रे को लिखा गया एक पत्र हाल ही में उनके बेटे संदीप रे को उनके घर पर मिला है। इस पत्र के मुताबिक सत्यजीत रे को 'मानिक मामा' कहकर संबोधित करते हुए किशोर कुमार ने लिखा था- मुझे आपके निर्देशन में आपकी फिल्म में गाकर बहुत खुशी होगी। आपने मुझे कलकत्ता आने के लिए कहा है, लेकिन मैं आने वाले दिनों में उपलब्ध नहीं हूं क्योंकि मैं इस महीने (नवंबर 1963) के लगभग हर दिन शूटिंग करूंगा। इसके अलावा, मेरी मां बहुत बीमार हैं। वह एक सप्ताह पहले ही हरिद्वार से लौटी हैं। डॉक्टर की सलाह के अनुसार मैं उन्हें ऐसे वक्त में अकेला नहीं छोड़ सकता।
यह मेरे लिए बहुत सुविधाजनक होगा यदि आप अपनी पत्नी मुनकुमाशी के साथ बॉम्बे आ जाएं और मेरे घर पर रहें। आप इस महीने की 26 से 30 तारीख के बीच कभी भी गीत रिकॉर्ड कर सकते हैं। 4 नवंबर, 1963 को लिखे इस पत्र में उन्होंने कहा था- मेरा मानना है कि इसमें आपको कोई कठिनाई नहीं होगी। यदि आप प्रस्ताव स्वीकार करते हैं, तो मैं रिकॉर्डिंग की सभी व्यवस्था करा दूंगा और किसी भी तरह से अगर आप इसे अस्वीर करते हैं तो मुझे वास्तव में खेद महसूस होगा, लेकिन किसी भी मामले में मैं खुद को समायोजित करूंगा।
किशोर कुमार के बेटे अमित कुमार ने प्रेस कॉन्फेंस के दौरान कहा कि सत्यजीत रे शायद उस साल दिसंबर में मुंबई आए थे और गीत रिकॉर्ड किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों परिवार दूर के संबंधी थे। दरअसल किशोर कुमार की पहली पत्नी रूमा गुहा ठाकुरता सत्यजीत रे की भतीजी थीं। सत्यजीत रे अपने पिता के कमरे में पड़े बक्सों को खोज रहे थे तभी उनकी नजर इस पत्र पर पड़ी। अमित कुमार ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वह इसे आम लोगों के साथ साझा कर रहे हैं।
बता दें हाल ही में सत्यजीत रे के जन्म का शताब्दी वर्ष मनाया गया। 2 मई 1921 को जन्में सत्यजीत रे की गिनती महान निर्देशकों में होती है। उन्होंने अपने अपने जीवन में कुल 37 फिल्में बनाई थीं और इन्ही फिल्मों से वो पूरी दुनिया में छा गए। उन्होंने पाथेर पांचाली, अपराजितो, अपूरसंसार और चारूलता जैसी यादगार फिल्में बनाई हैं।
बात करें किशोर कुमार की तो किशोर दा को जितनी महारथ अभिनय में हासिल थी उतनी ही अच्छी आवाज के भी वो धनी थे। उनके गाए हुए नगमें आज भी लोगों के दिलों पर राज करते हैं। बॉलीवुड में कई सिंगर्स आए और गए लेकिन किशोर कुमार की आवाज का जादू आज भी बरकरार है।