विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के महत्व को स्वीकारते हुये कहा है कि वह कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के पारंपरिक उपचार से जुड़े अनुसंधानों में मदद करेगा। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. तेद्रोस गेब्रियेसस ने सोमवार को 'कोविड-19' पर नियमित प्रेस वार्ता करते हुए कुछ अहम बातों पर चर्चा की।
उन्होंने कहा “कई पारंपरिक दवायें हैं जो फायदेमंद हैं और इसलिए डब्ल्यूएचओ की एक इकाई पारंपरिक दवाओं पर काम करती है। लेकिन किसी भी पारंपरिक दवा के इस्तेमाल से पहले आधुनिक दवाओं की तरह ही उन्हें कड़े परीक्षण से गुजरना चाहिये।”
संगठन की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोविड-19 के उपचार के लिए वह 'आर्टिमिसिया अनुआ' नामक औषधीय पौधे पर विचार कर रहा है। इसे भारत में 'ज्वर रोध' भी कहा जाता है। अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलकर वह पारंपरिक औषधीय उत्पादों के क्लीनिकल प्रभाव के परीक्षण पर काम कर रहा है।
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