कोणार्क शब्द का साहित्यक अर्थ सूर्य है, जो ओडिशा के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर को एक ऐतिहासिक नाम प्रदान करता है। अतीत से जुड़े पन्ने बताते हैं कि कोणार्क सूर्य मंदिर का संबंध 13वीं शताब्दी से है। कोणार्क शहर बंगाल की खाड़ी के पास स्थित है, जो अपने प्राचीन मंदिरों और धरोहरों के लिए जाना जाता है। कोणार्क भारत के उन खास स्थानों में शामिल है जहां पूर्ण सूर्य ग्रहण का अनुभव किया जा सकता है। इसके अलावा यह ओडिशा के अनिवार्य पर्यटन स्थलों में भी गिना जाता है। इस लेख के माध्यम से जानिए आप कोर्णाक के सूर्य मंदिर के अलावा और कौन से कौन से प्रसिद्ध स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं। सूर्य मंदिर कोर्णाक के अन्य प्रसिद्ध स्थलों की सैर करने के पहले आप विश्व प्रसिद्ध सूर्य मंदिर को जरूर देखें। इस विशाल भव्य संरचना का निर्माण गंगा साम्राज्य के राजा नरसिंहदेव प्रथम ने करवाया था। सूर्य मंदिर भारत के सात आकर्षणो में गिना जाता है। यह प्रसिद्ध मंदिर रथ के आकार का बनाया गया है, जिसमें स्तंभ और पहिए बने हुए हैं। माना जाता है कि यह मंदिर 1250 ईसवी में बनाकर तैयार किया गया था। इस मंदिर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर भी घोषित किया जा चुका है। 220 वर्ष पुरानी यह जेल शरीफों को बनाती है अपना शिकार मनोरंजन और इतिहास का अनोखा मेल है अदूर , जानें क्या. पुरातात्विक म्यूजियम कोर्णाक सूर्य मंदिर के अलावा आप यहां के पुरातात्विक म्यूजियम को देख सकते हैं जिसे 1968 में बनाकर तैयार किया गया था, यह एक महत्वपूर्ण स्थल है जहां पुरातात्विक वस्तुओं और सूर्य मंदिर के टूटी हुई आकृतियों को रखा गया है। इस संग्रहालय मे प्राचीन काल की वस्तुओं को चार अलग-अलग गैलरी में रखा गया है। प्राचीन वस्तुओं में मूर्तियां, चित्र, पांडुलिपि आदि शामिल हैं। इतिहास के दिलचस्पी रखने वाले इस स्थल का भ्रमण कर सकते हैं। रामाचांदी मंदिर आप यहां के प्रसिद्ध रामचांदी मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं। कुशभद्र नदी के तट पर स्थित यह मंदिर कोर्णाक से सबसे ज्यादा देखने जाने वाले मंदिरों में शामिल है। यह मंदिर देवी रामचांदी देवी को समर्पित है। यह कोर्णाक के सबसे खास मंदिरों में गिना जाता है। नदी तट पर स्थित होने के कारण यहां श्रद्दालुओं के साथ-साथ पर्यटकों का आगमन भी होता है। इसके अलावा यहां का नदी तट शानदार पिकनिक स्पार्ट के नाम से भी जाना जाता है। आप यहां पक्षी विहार का आनंद भी ले सकते हैं। दिल्ली के टॉप 5 म्यूज़ियम देखने का मौका कभी ना गवाएं। पूर्वोत्तर भारत की खूबसूरत जगह कमलपुर कुरमा कोर्णाक के खास स्थलों में आप यहां कुरमा की सैर का आनंद ले सकते हैं। यह एक बौद्ध स्थल है जो सूर्य मंदिर से लगभग 8 किमी की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा इस स्थल की गिनती ओडिशा से खास पुरातात्विक स्थलों में भी होती है। इस स्थल का महत्व इस तथ्य से भी लगाया जा सकता है कि इसका उल्लेख कुछ बौद्ध ग्रंथों में भी मिलता है। इस स्थल का अस्तित्व 8वी से 9वी शताब्दी से जुड़ा है। अगर आप इतिहास प्रेमी है यहां का भ्रमण जरूर करें। अस्ट्रांगा उपरोक्त स्थलों के अलावा आप कोर्णाक से 19 किमी की दूरी पर स्थित अस्ट्रांगा स्थल की सैर का आनंद ले सकते हैं। अस्ट्रांगा एक लोकप्रिय पिकनिक स्पार्ट है और कोर्णाक के नजदीक एक मछुवारों का गांव है। भ्रमण के लिए शाम का वक्त यहां आदर्श माना जाता है। फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए यह स्थल किसी जन्नत से कम नहीं। अगर आप घूमने का शौक रखते हैं तो यहां का भ्रमण जरूर करें।