अगर ऐसा होता तो बच सकती थी गुलशन कुमार की जान, जानें कैसेट किंग से जुड़े कुछ राज

गुलशन कुमार ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर इतनी तेजी से सफलता हासिल की कि लोगों को उनसे जलन होने लगी और उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया. गुलशन कुमार की 12 अगस्त 1997 को मुंबई के एक मंदिर के बाहर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. गुलशन कुमार के पिता दिल्ली के दरियागंज मे जूस की दुकान चलाते थे, जहां गुलशन कुमार उनकी मदद करते थे.

गुलशन कुमार ने महज 23 साल की उम्र में एक दुकान का अधिग्रहण किया और उन्होंने सस्ते ऑडियो कैसेट बेचना शुरू कर दिया. इसके बाद वह सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए. फिर उन्होंने नोएडा में अपनी एक कंपनी खोली. इसके बाद वह मुंबई आ गए.
गुलशन कुमार वैष्णो देवी के भक्त थे. इसी वजह से वह वैष्णो देवी आने वाले भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन कराते थे. गुलशन कुमार का बिजनेस बढ़ता जा रहा था इस वजह से मशहूर डॉन अबू सलेम ने उनसे 5 लाख महीना देने को कहा. लेकिन गुलशन कुमार ने साफ इंकार कर दिया. इसके बाद मुंबई के एक मंदिर के बाहर उनको गोलियों से भून दिया गया.
उनके ऊपर 16 गोलियां बरसाई गई थी. गुलशन कुमार ने 12 अगस्त 1997 को इस दुनिया को छोड़ दिया. ऐसा कहा जाता है कि गुलशन कुमार उस दिन बिना गनमैन के के मंदिर चले गए थे क्योंकि कुछ दिनों पहले उनके गनमैन की तबीयत खराब हो गई थी. अगर उस दिन उनका गनमैन उनके साथ होता तो शायद ऐसा ना होता.

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