कोरोना महामारी के बीच रमजान का पवित्र महीना प्रारम्भ हो चुका है. लोगों को घरों में रहकर ही इबादत करनी होगी. पोषण विशेषज्ञ का बोलना है कि रमजान में सहरी व इफ्तार के वक्त एहतियात बरतना महत्वपूर्ण है.
रोजा रखने वालों को अपने खान-पान पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. यहां के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की पोषण विशेषज्ञ डाक्टर सुनीता सक्सेना का बोलना है कि इफ्तार और सहरी के समय विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है. दिन की आरंभ सहरी से होती है. सहरी का समय बहुत प्रातः काल का होता है. उस समय नाश्ते में हाई प्रोटीन, हाई काबरेहाइड्रेट, हाई फाइबर व हाईलिक्विड वाली डाइट लेनी चाहिए, जिससे हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म संतुलित रहे. इसके संतुलित रहने से ब्लड शुगर लेवल भी संतुलित रहेगा.
उन्होंने कहा, "रोजेदार सहरी के समय नाश्ते में हाई प्रोटीन जैसे पनीर सैंडविच, वेजिटेबल टोस्ट, स्टफ पराठे, उबले हुए अंडे और आमलेट लें. नींबू शिकंजी में थोड़ा सा शहद डालें, जिससे शरीर में पानी की कमी नहीं रहेगी व शरीर ऊर्जावान रहेगा."
डाक्टर सुनीता ने बोला कि इफ्तारी और सहरी के बीच 7-8 घंटे का गैप होता है, इसलिए रोजा खोलते समय जो भी खाएं उसे जल्दबाजी में न खाएं. आराम से और चबाकर खाएं. इफ्तार में हमें स्टीम्ड, ग्रिल्ड, बेक्ड, रोस्टेड फॉर्म में डाइट लेनी चाहिए. इफ्तार की आरंभ फ्रूट चाट या खजूर से या फ्रूट जूस या स्टीम स्प्राउट्स (अंकुरित चने या दालें) या ड्राई फ्रूट्स से कर सकते हैं.
उन्होंने बोला कि रोजेदार इफ्तार और सहरी में मछली और चिकन ले सकते हैं, मगर रेड मीट खाने से बचें, क्योंकि यह भारी होता है व देर से पचता है. मछली और चिकन के साथ सलाद और हरी सब्जियां जरूर लें, क्योंकि सलाद और हरी सब्जियों में उपस्थित खनिज और विटामिन चिकन और मछली में उपस्थित प्रोटीन को सरलता से पचा देते हैं. डाक्टर सुनीता ने कहा, "डिनर के बाद 5-10 मिनट जरूर टहलें. तुरंत न सोएं. अगर रमजान के दौरान खाने में इन सभी चीजों का ध्यान रखेंगे तो आप स्वस्थ भी रहेंगे. स्वास्थ्य विभाग से जो भी गाइडलाइन जारी हुई है, उसका पालन जरूर करें.."