भारत में जब से कोरोना वायरस ने अपने पैर पसारे है, तब चिकित्सक रोगियों में इम्यूनिटी क्षमता को तलाश कर रहे है। ताकि मरीज कोरोना का मुकाबला कर सके। लेकिन भागती दौड़ती जिंदगी में इन दिनों माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी होती जा रही है, जिसका सबसे अहम कारण वृद्ध लोगों व युवाओं की इनहेल्दी ज़िंदगी शैली है।
आमतौर पर छोटे बच्चे हरी सब्जियों के शौकीन नहीं होते हैं व जंक फूड को बड़ी मात्रा में खाते है, जबकि बड़े लोग आयु के अनुसार कम खाते हैं व एक जैसे खाद्य पदार्थों से चिपके रहते हैं। इन आदतों से जस्ता, आयरन, तांबा, फोलिक एसिड, विटामिन ए, विटामिन बी व विटामिन सी की कमी हो जाती है, ये सभी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को चरम पर रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। अधिक पौष्टिक आहार या पूरक आहार यह सुनिश्चित करेगा कि शरीर को वह सब कुछ मिल जाए जो उसकी आवश्यकता है व किसी भी संक्रमण या बीमारी को दूर करने के लिए आवश्यक एंटीबॉडी व प्रतिरक्षा का निर्माण करता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि हमारा आलस हमें कई बीमारियों की चपेट में ला सकता है। हमें प्रतिदिन कुछ न कुछ शारीरिक एक्टिविटी करते रहनी चाहिए। नियमित व्यायम करने से आपको इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद मिल सकती है। शोध बताते हैं कि शारीरिक गतिविधियां प्रतिरक्षा प्रणाली की कोशिकाओं व एंटीबॉडी के उत्पादन को बढ़ावा देती हैं। इसका मतलब यह नहीं होने कि सम्भावना है कि अगर आप 60 साल से अधिक आयु के हैं, तो जिम जाना चाहिए, लेकिन घर पर ही घूमना व तेज चलना, शरीर के रोग-प्रतिरोधक तंत्र व मांसपेशियों की शक्ति को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
शारीरिक गतिविधि को लेकर विभिन्न चिकित्सा अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, वे उन लोगों की तुलना में स्वास्थ्य जोखिमों से अधिक ग्रस्त हैं, जो कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेते हैं। यहां तक कि युवा व स्वस्थ लोगों में भी नींद की बेकार गुणवत्ता प्रतिरक्षा को कम कर सकती है। शरीर की स्व-मरम्मत करने व सूजन व संक्रमण से लड़ने के लिए नींद पूरी करना जरूरी है।