17 मई तक नहीं उड़ान भरेंगी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विमानें

कोरोना वायरस महामारी के चलते बढ़ाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 17 मई तक प्रतिबंधित रहेंगी। नागरिक उड्डयन विभाग के महानिदेशक (डीजीसीए) ने कहा कि विदेशी और घरेलू उड़ानों के ऑपरेशंस शुरू होने के बारे में सूचित कर दिया जाएगा। हालांकि, यह प्रतिबंध सभी अंतरराष्ट्रीय कार्गो विमानों और डीजीसीए की तरफ से स्वीकृति विमानों पर नहीं है। कोविड-19 के चलते सोशल डिस्टेंस के नियमों के बारे में एयरलाइंस की तरफ से स्टाफ को शिक्षित कर उन्हें तैयार करने के लिए मॉक ड्रिल शुरू कर दिया गया है। प्रधानमंत्री ने पहले ही दो गज की दूरी के महत्व पर जोर दिया और उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में यह मंत्र सभी विमानों पर रहेगा। शुक्रवार को ग्लोबल एविएशन कंसल्टेंसी (सीएपीए) ने यह अनुमान लगाया है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में भारत के घरेलू उड़ानों के ट्रैफिक 5.57 करोड़ से 7 करोड़ के बीच रहेंगे जबकि इसी अवधि के लिए इससे पहले किए गए पूर्वानुमान में 8-9 करोड़ पैसेंजर्स बताया था। सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) प्रोटोकॉल्स के चलते एयरलाइंस की क्षमता में कमी होगी। इसके साथ ही, दूसरे क्वार्टर के दौरान अगर प्रतिबंध हटाई भी जाती है तो शायद ही एयर पैसेंजर्स में कोई भारी बढ़ोत्तरी देखने को मिले। इधर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी के चलते बंद देश के भारतीय हवाई क्षेत्र और उड्डयन क्षेत्र की मदद के लिए एक समीक्षा बैठक की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार (1 मई) को हुई एक बैठक में भारतीय हवाई क्षेत्र का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने का फैसला किया गया है, ताकि यात्रियों के लिए उड़ान का समय कम हो और विमानन कंपनियों की लागत में भी कमी आए। प्रधानमंत्री द्वारा भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र को और दक्ष बनाने में मदद कर सकने वाली रणनीतियों की समीक्षा करने के लिए आयोजित एक व्यापक बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह सैन्य मामलों के विभाग के साथ करीबी सहयोग के साथ किया जाएगा।बयान में कहा गया, ”अधिक राजस्व के साथ-साथ हवाई अड्डों पर अधिक दक्षता लाने के लिए, नागरिक उड्डयन मंत्रालय को तीन महीने के भीतर निविदा प्रक्रिया शुरू करके पीपीपी आधार पर छह और हवाई अड्डों को सौंपने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा गया।” इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी तथा अन्य लोग शामिल हुए। बैठक में ई-डीजीसीए परियोजना की समीक्षा भी की गई, जिसका उद्देश्य डीजीसीए के कार्यालय में अधिक पारदर्शिता लाना और विभिन्न लाइसेंस व अनुमति के लिए लगने वाले समय को कम कर सभी हितधारकों की मदद करना है।

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