जाने हार्ट में ब्‍लॉकेज होने के लक्षण, कारण और बचने के उपाय

हार्ट ब्‍लॉकेज होने पर हृदय का इलेक्ट्रिकल सिस्‍टम प्रभावित होता है। ये कोरोनरी आर्टरी डिजीज से अलग है जिसमें कि हृदय की रक्‍त वाहिकाओं पर असर पड़ता है। जब हार्ट ब्‍लॉकेज होता है तो दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है और सामान्‍य से धीमी गति से चलने लगती है। यह एक बार में 20 सेकंड देर से होती है। हार्ट ब्‍लॉकेज के लक्षण

हड्डियों को मजबूत बनाए
उड़द हमारी बोन्स को स्ट्रॉन्ग बनाने के काम करते हैं। उड़द में आयरन, फॉस्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैग्नीज,कॉपर और जिंक जैसे सेहत के लिए बेहद जरूरी तत्व पाए जाते हैं। मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और कैल्शियम हमारी बोन्स को मजबूती देने का काम करते हैं। वहीं जिंग हमारी बोन्स का स्ट्रक्चर मेंटेन करने का काम करता है।
एक रफ आइडिया पर बात करें तो हमारे शरीर का 99 प्रतिशत कैल्शियम, 60 प्रतिशत मैग्नीशियम और 80 प्रतिशत फॉस्फोरस हमारी हड्डियों में जमा होता है। हमारी हड्डियां पूरे शरीर का वेट उठा सकें और मजबूत बनी रहें, इसके लिए इन सभी तत्वों की सप्लाई बॉडी में होते रहना बहुत जरूरी है। इसके लिए सबसे आसान तरीका है कि आप उदड़ सहित अन्य दालों का भी सेवन करें। दालमखनी अक्सर खाएं।
यूनाइटेड स्टेट फूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानी एफडीए के अनुसार, हमें हर दिन 2 हजार कैलरीज की जरूरत होती है। इस हिसाब से हमारी डायट में कम से कम 25 ग्राम फाइबर हर दिन होना चाहिए। हर दिन एक कप उड़द बीन्स या 172 ग्राम बनी हुई बीन्स में 15 ग्राम फाइबर होता है।
कई अलग-अलग स्टडीज में यह बात साबित हो चुकी है कि टाइप-1 डायबीटीज वाले लोग जो हाई फाइबर डायट लेते हैं, उनमें ब्लड ग्लूकोज लेवल कम होता है। जबकि जो लोग डायबीटीज टाइप-2 से ग्रसित होते हैं और हाई फाइबर डायट लेते हैं, उनमें ब्लड शुगर, लिपिड और इंसूलिन लेवल बेहतर हो सकता है। और उड़द में फाइबर अच्छी मात्रा में होते हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, ब्लैक होल बीन्स और उड़द खाने से कॉलेस्ट्रॉल लेवल कम रहता है। क्योंकि उड़द बीन्स में विटमिन बी-6, फोलेट, पोटैशियम और फाइबर होते हैं, जो सभी हर्ट को हेल्दी रखने के काम करते हैं और ब्लड में कॉलेस्ट्रॉल का स्तर घटाते हैं। इससे दिल की बीमारियां होने का खतरा कई गुना घट जाता है।
आपको जानकर हैरानी हो सकती है लेकिन आपकी पसंदीदा दालमखनी आपको कैंसर जैसी घातक बीमारी से दूर रखने का काम करती है। इसके साथ पहली शर्त यह है कि आपका लाइफस्टाइल हेल्दी होना चाहिए। उड़द कैंसर से बचाने में इसलिए मददगार है क्योंकि इसमें सेलेनियम नाम का मिनरल पाया जाता है। जो ज्यादार फलों और सब्जियों में नहीं होता है।
उड़द में पाया जानेवला सेलेनियम लिवर एंजाइम फंक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शरीर में कैंसर पैदा करनेवाले यौगिकों को डिटॉक्सिफाई यानी शरीर से बाहर निकालने का काम करता है। साथ ही यह शरीर में सूजन नहीं बढ़ने देता और ट्यूमर बनानेवाली ग्रंथियों को डिवेलप नहीं होने देता।
ब्लैक होल बीन्स यानी उड़द में फाइबर काफी अच्छी मात्रा में होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, एक कटोरी उड़द में करीब 7.5 ग्राम फाइबर होता है। इसी खूबी के कारण यह कब्ज की समस्या को पेट से दूर रखता है। साथ ही पाचन तंत्र को दुरुस्त करने का काम करता है।
उड़द या दाल मखनी खाने के बाद कई घंटों तक पेट भरा-भरा रहता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उड़द और राजमा दोनों ही फाइबर से भरपूर होते हैं। फाइबर बेस्ड डायट कम खाई जाती है और पेट में लंबे समय तक भरा होने का अहसास बनाए रखती है। इस तरह हमें जल्दी-जल्दी भूख नहीं लगती और हम एक्स्ट्रा कैलरी गेन करने से बच जाते हैं।
कुछ लोगों को बीन्स खाने से पेट में गैस, दर्द या अपच जैसी समस्या हो सकती है। इसका कारण आपके डायजेस्टिव सिस्टम का स्लो होना भी हो सकता है या पाचन संबंधी दूरसे कारण भी। लेकिन अगर आपको इस तरह की दिक्कत होती है तो आप डायट में थोड़ी-थोड़ी बीन्स लें और तीनों वक्त के मील में लें।यह भी पढ़ें: आयुर्वेद कहता है कभी ना पिएं बनाना शेक, बन सकता है बीमारियों की जड़यह भी पढ़ें: टाइप-2 डायबीटीज को रोकने में मददगार हैं हरी फलियां
अगर आपको बीन्स खाने के बाद गैस की समस्या या पेट में भारीपन की समस्या होती है तो बेहतर होगा कि आप इन बीन्स (यहां हम उड़द की बात कर रहे हैं) को बनाने से पहले कम से कम 8 से 10 घंटे पानी में भिगोकर रख दें। इससे आपको गैस की समस्या में आराम मिलेगा और बीन्स खाने से सेहत भी बनेगी।यह भी पढ़ें: राजमा-चावल खानेवालों के लिए खुशखबरी, खुशी से धड़केगा दिलयह भी पढ़ें: Know Your Food: आयुर्वेद कहता है फरवरी-मार्च में नहीं खानी चाहिए ये दालेंयह भी पढ़ें: Know Your Food: काली दाल-पीली दाल, यह है हमारी जनरेशन का हालयह भी पढ़ें: एक्सपर्ट्स से जानें दालों के फायदे, यह रहा रिसर्च पेपर
हार्ट ब्‍लॉकेज रोकने के घरेलू उपचार
अगर आपको हृदय से जुड़ी कोई समस्‍या या रोग है तो आप उपरोक्‍त चीजों को अपने आहार में जरूर शामिल करें। इन्‍हें आप बड़ी आसानी से अपने दैनिक आहार में लेकर हार्ट ब्‍लॉकेज से बच सकते हैं।

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