भारत में कई ऐसी प्रथाएं प्रचलित हैं जिन्हें सामान्य तौर पर काल्पनिक अथवा यूजलैस कह कर अवहेलना की जाती है परन्तु इन मान्यताओं के पीछे वैज्ञानिक कारण छिपे होते हैं, जिन्हें धर्म के साथ जोड़ दिया गया है।
भारतीय सभ्यता में निभाई जाती है ये मान्यताएं:
# नमस्कार: हिंदू धर्मावलंबी एक दूसरे से मिलते समय हाथ जोड़कर नमस्कार कहते हुए अभिवादन करते हैं। जहां एक और यह मुद्रा सामने वाले व्यक्ति के प्रति सम्मान दर्शाती है।
# हिंदू मूर्तिपूजा: यदि हम किसी वस्तु को लक्ष्य बनाकर उस पर ध्यान एकाग्र करें तो बहुत जल्दी अपने मस्तिष्क पर नियंत्रण पा सकते हैं, इसी कारण से छोटे बच्चों को अल्फाबेट सिखाते समय उन्हें अक्षरों के साथ चित्र भी दिखाए जाते हैं ताकि वो उन्हें जल्दी से याद हो जाएं। ठीक यही परिपाटी हिंदू धर्म ने अपनाई।
# शादी में मेहंदी: मेहंदी एक आयुर्वेदिक दवाई मानी गई है। यह शरीर तथा मस्तिष्क की गर्मी को शांत कर रिलेक्स करती है और तनावमुक्त बनाती है। भारतीय समाज में शादी एक बहुत ही लंबा और थकाऊ काम है जिसमें शादी की तैयारियों में जुटे लोग काफी थक जाते हैं।
# पूजा के समय घंटियां: जब भी हम किसी मंदिर में प्रवेश करते हैं तो वहां गर्भगृह में मौजूद घंटी बजाते हैं। इसके पीछे आध्यात्मिक कारण बताया गया है कि घंटी बजाने से बुरी शक्तियां आदमी से दूर रहती हैं तथा भगवान प्रसन्न होते हैं।
# महिलाएं पैरों में चांदी की बिछिया: भारत में विवाहित महिलाएं दोनों पैरों में अंगूठे के पास वाली उंगली में चांदी की बिछिया पहनती हैं। आर्युवेद के अनुसार इस उंगली की नस गर्भाशय तथा ह्रदय से जुड़ी हुई होती है। ऐसे में इन दोनों अंगुलियों में बिछिया पहनने से इन नसों पर दबाव पड़ता है तथा उनका मासिक चक्र सही रहता है।
# उत्तर की ओर सिर करके नहीं सोना: इसके पीछे आम धारणा है कि इससे भूत हमारे पीछे लग जाते हैं परन्तु वैज्ञानिक दृष्टि से माना जाता है कि आदमी के शरीर का स्वयं का भी एक चुम्बकीय क्षेत्र होता है जो हमारे मानसिक स्थिति तथा शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
# ललाट पर टीका: योग शास्त्र में ललाट पर दोनों आंखों के बीच का स्थान आज्ञा चक्र माना गया है। इसके सक्रिय होने से व्यक्ति को आध्यात्मिक, मानसिक तथा शारीरिक लाभ प्राप्त होते हैं। यदि इस स्थान पर सही तरीके से दबाव दिया जाए तो आज्ञा चक्र सक्रिय होता है तथा चेहरे की सभी नसों में ब्ल्ड सर्कुलेशन बढ़ जाता है।