घरेलू उपायों से करें सांस फूलने की बीमारी को दूर

सांस फूलने को डिस्‍पेनिया कहते हैं। इस स्थिति में फेफड़ों में पर्याप्‍त मात्रा में हवा नहीं आ पाती है। ह्रदय और फेफड़ों में किसी तरह की समस्‍या के कारण सांस लेने में दिक्‍कत हो सकती है। जबकि कुछ लोगों की अचानक से सांस फूलने की लगती है। सांस फूलने का इलाज आप घरेलू उपायों की मदद से भी कर सकते हैं। सांस फूलने के घरेलू उपाय असरकारी भी होते हैं और इनके कोई दुष्‍प्रभाव भी नहीं पड़ते। तो चलिए जानते हैं कि सांस फूलने के घरेलू उपचार क्‍या हैं।

​सांस फूलने के कारण
ओवरवेट होने या मोटापे, धूम्रपान, वायु में मौजूद किसी प्रदूषक, अत्‍य‍धिक ठंड, कठिन व्‍यायाम और एंग्‍जायटी के कारण सांस फूल सकती है। इसके अलावा अस्‍थमा, एनीमिया, क्रोनिक ऑब्‍स्‍ट्रक्टिव पल्‍मोनरी डिजीज, हृदय का ठीक तरह से काम न करना, फेफड़ों के कैंसर और टीबी की वजह से सांस फूल सकती है।
​सांस फूलने का घरेलू उपचार है होंठों को सिकोड़ना
गर्दन और कंधे की मांसपेशियों को आराम दें। अब दो बार नाक से धीमी सांस लें और मुंह को बंद रखें। जैसे सीटी बजाते समय हमारे होंठ होते हैं, वैसे रखें। अब धीरे से होंठों से सांस छोड़ें और चार तक गिनती करें। अगर फेफड़ों में हवा फंस गई है तो वो भी इस उपाय से निकल जाएगी।
​गहरी सांस लेना
पेट से गहरी सांस लेने से भी सांस लेने में दिक्‍कत दूर हो सकती है। लेट जाएं और दोनों हाथों को पेट पर रखें। अब नाक से गहरी सांस लें और पेट को फुलाते हुए फेफड़ों में हवा भरें। कुछ सेकंड के लिए सांस को रोक कर रखें। धीरे-धीरे मुंह से सांस लेते रहें और फेफड़ों में भरी हवा को बाहर निकालें। पांच से दस मिनट के लिए इसे दोहराते रहें।
​कॉफी पीने का फायदा
अध्‍ययन में इस बात के संकेत मिले हैं कि कैफीन श्‍वसन मार्ग की मांसपेशियों को आराम देता है। इससे फेफड़ों के कार्यों में सुधार आता है और वे लगभग चार घंटे तक अपना कार्य ठीक तरह से कर पाते हैं। सांस फुूलने के घरेलू उपचार के रूप में ब्‍लैक कॉफी पिएं लेकिन सीमित मात्रा में।
​भाप लेने का तरीका
भाप लेने से नासिका मार्ग खुल जाता है जिससे सांस लेने में आसानी होती है। भाप की गर्मी और नमी भी फेफड़ों में जमा म्‍यूकस को तोड़ सकती है जिससे सांस लेने में हो रही दिक्‍कत कम हो सकती है। एक बर्तन में गर्म पानी भरें और उसमें पुदीने या यूकेलिप्‍टस ऑयल की कुछ बूंदें डालें। एक कपड़े से सिर को ढक कर इस बर्तन से थोड़ा ऊपर रख लें और पानी की भाप लें।
​अदरक का उपयोग
ताजी अदरक खाने या गर्म पानी में अदरक डालकर पीने से भी श्‍वसन मार्ग में संक्रमण के कारण हो रही सांस फूलने की दिक्‍कत को कम करने में मदद मिल सकती है। एक स्‍टडी में सामने आया है कि अदरक श्‍वसन मार्ग में संक्रमण पैदा करने वाले आरएसवी वायरस से लड़ने में असरकारी है।
​जीवनशैली में करें बदलाव
धूम्रपान न करें और तंबाकू के सेवन से भी बचें। प्रदूषण और वातावरण में मौजूद विषाक्‍त पदार्थों से दूर रहें। मोटापा घटाएं और उच्‍च तापमान में कठिन व्‍यायाम से बचें। संतुलित आहार और आठ घंटे की नींद लें।
​डॉक्‍टर को कब दिखाएं
अगर पर्याप्‍त ऑक्‍सीजन नहीं मिल पा रहा है या सीने में दर्द हो रहा है, लगातार या बार-बार सांस फूल रही है या सांस लेने में दिक्‍कत की वजह से रात को नींद खुल रही है या गले में टाइट महसूस हो रहा है या सांस लेते समय घरघराहट की आवाज आ रही है तो आपको डॉक्‍टर से परामर्श लेना चाहिए।

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