कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए करे इन टिप्स का उपयोग

सुरक्षित ढंग से लॉकडाउन का पालन करने के लिए 50 वर्ष से ज्यादा आयु के लोगों के लिए आइसोलेशन की अवधि को व बढ़ाने की आवश्यकता है. साथ ही जब भी लोग घर से बाहर निकले तो अपनी आयु का प्रमाण अपने पास रखें. शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में यह खुलासा किया है.

वारविक यूनिवर्सिटी में किए गए एक शोध में पाया गया है कि आयु संबंधित मुक्ति (रिलीज) की योजना ही लॉकडाउन को समाप्त करने का सबसे अच्छा उपाय होने कि सम्भावना है. कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू किया गया था.
ज्यादा आयु में मृत्यु की दर ज्यादा- शोधकर्ताओं द्वारा तैयार की गई मुक्ति की योजना इस जानकारी पर आधारित है कि कोविड-19 के कारण 50 वर्ष से ज्यादा की आयु के लोगों में मृत्यु की दर 20 वर्ष की आयु के लोगों की तुलना में 20 प्रतिशत ज्यादा है. शोधकर्ताओं ने बोला कि पुलिस अधिकारियों को ये ताकत दी जानी चाहिए कि वो आयु संबंधित नियमों को तोड़ने वाले लोगों पर जुर्माना लगा सकें ताकि इन नियमों का पालन सुनिश्चित हो सके. शोधकर्ताओं का बोलना है कि वैक्सीन बनने से पहले 50 वर्ष की आयु के ऊपर के लोगों को घर से बाहर निकलने की इजाजत देने से 40,000 व मौतें हो सकती है.
क्या है सबसे सुरक्षित तरीका- एज, डेथ रिस्क एंड द डिजाइन ऑफ एन एक्जिट स्ट्रैटेजी नामक इस शोध में शोधकर्ताओं ने आयु संबंधित लॉकडाउन मुक्ति की योजना के पांच फायदे बताए हैं. उन्होंने बोला कि एक आयु आधारित मुक्ति योजना यह दर्शाती है कि हम अर्थव्यवस्था को खोलने के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं कर सकते व वैक्सीन के निर्माण के पहले यही सबसे सुरक्षित उपाय है. शोधकर्ता एंड्रूय ओसवाल्ड ने कहा, 50 वर्ष से ज्यादा आयु वाले लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि वे कितने खतरे में हैं.
हमारे आयु संबंधित जोखिम की दरों को समझना सभी के लिए महत्वपूर्ण है. दरों के अनुसार युवाओं में मृत्यु का खतरा बुजुर्गों की तुलना में बेहद कम है. लॉकडाउन को समाप्त करने की कोई भी रणनीति जो आयु को आधार नहीं बनाती कोरोनावायरस के जोखिम को व बढ़ावा दे सकती है. शोधकर्ताओं ने बोला कि आयु संबंधित मुक्ति की योजना से कोरोनावायरस का जोखिम कम होने कि सम्भावना है व इससे वायरस के दूसरे दौर से बचा जा सकता है. युवाओं को लॉकडाउन से छूट मिलनी चाहिए.
50 वर्ष से कम आयु के लोगों में कोविड-19 से मृत्यु का खतरा 0.5 प्रतिशत है, लेकिन 50 वर्ष के ऊपर के लोगों में यह खतरा 1.3 प्रतिशत है. जैसे-जैसे आयु बढ़ती है ये दर भी बढ़ती जाती है. 60 वर्ष से ऊपर के लोगों में मृत्यु की दर 3.6 व 70 वर्ष से ऊपर वालों में 8 प्रतिशत है.
लोगों को आश्वासन देना कठिन होगा- वारविक की टीम ने बोला कि इस मुक्ति योजना को लागू करने की सबसे बड़ी चुनौती 50 वर्ष से ऊपर की आयु के लोगों को आश्वासन देना होगा. प्रोफेसर निक पोवधावे ने बोला कि आयु संबंधित मुक्ति योजना से ही महामारी व अर्थव्यवस्था के बीच ठीक संतुलन बनाया जा सकता है. ज्यादा आयु के कर्मचारियों को अभी घर से ही कार्य करना चाहिए.
साथ ही सभी सरकारों को एक ऐसी वेबसाइट या एप विकसित करना चाहिए जो हर आदमी की उनकी आयु के अनुसार जोखिम का स्तर बताए व उन्हें घर के अंदर रहने की सलाह दे. ज्यादा आयु के लोगों को समझाना होगा कि उन्हें वैक्सीन के बनने तक सबसे ज्यादा सर्तक रहने की आवश्यकता है. शोधकर्ताओं ने बोला कि सभी सरकारों को लॉकडाउन समाप्त करने से पहले आयु संबंधित इस निकास की रणनीति पर विचार करना चाहिए.

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