कैंसर से कल सदी के सबसे बड़े महानायकों में से एक इरफान खान हमें अलविदा कह गए और कल रात को अस्पताल में भर्ती हुए ऋषि कपूर ने भी हमें अलविदा कह दिया है। साल 2020 को बॉलीवुड के लिए सबसे काला साल कहा जा सकता है। इससे पहले विनोद खन्ना की भी कैंसर से ही मौत हुई थी।
आखिर क्या है कैंसर की वजह?
आज जब मेडिकल साइंस ने इतनी ग्रोथ कर ली है, आखिर क्यों उसके बाद भी इस बीमारी से बचा नहीं जा सकता। भारत की तुलना में आज भी लोग विदेश जाकर इसका इलाज करवाने जाते हैं। कुछ वर्षों पहले कैंसर की बीमारी इतनी आम नहीं थी, जितनी अब हो चली है। आखिर क्या है इसकी वजह?
क्या है डॉक्टर का कहना?
डॉक्टर राहुल भार्गव, डायरेक्टर, बोन मैरो ट्रांसप्लांट, फोर्टिस रिसर्च मेमोरियल इंस्टिट्यूट, गुरुग्राम के अनुसार, भारत धीरे-धीरे विकसित देश बनने की ओर रुख कर रहा है। हालांकि, विकसित होने के साथ-साथ कई नुक्सान भी होते हैं। इसमें सबसे बड़ी चीज यह होती है कि इंसान खुद के स्वास्थ्य पर ध्यान देना भूल जाता है या कम कर देता है।
कैंसर के मुख्य कारण
प्रोसेस्ड फूड, सोडा, कृत्रिम और सिंथेटिक मिठाइयों और प्रिजर्वेटिव्स का सेवन, खेतों में कीटनाशक का उपयोग, शारीरिक व्यायाम की कमी, अत्यधिक तंबाकू और नशीले पदार्थों का सेवन, अत्यधिक शराब का सेवन, कैफीन का सेवन, यह सब कैंसर के मुख्य कारण हैं।
कैंसर से लड़ रहा भारत
इसी के साथ हमें यह भी समझना चाहिए की कैंसर के बढ़ने के साथ-साथ भारत में इसके इलाज की क्षमता में भी इजाफा हो रहा है। कैंसर के इलाज के लिए बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग प्रोग्राम्स की तैयारी की जा रही है, जिससे कैंसर को शुरुआती स्टेज में भी पकड़ा जा सकेगा। इससे कैंसर से जीतने में मदद मिलेगी।
क्या है कैंसर?
कैंसर इतनी बड़ी बीमारी का रूप क्यों लेता जा रहा है, यह जानने के लिए यह पता होना जरूरी है कि कैंसर है क्या? हमारा शरीर सेल्स से बना हुआ है और इसका विकास सेल्स के बंटने से होता है। जब तक हम 18 साल के होते हैं, तब तक ये सेल्स अरबों बार बंट चुकी होती हैं। सेल्स का इस तरह से बंटना एक पैटर्न या यूं कहें नियंत्रण में होता है। कैंसर की बीमारी भी इसी सेल्स के बंटवारे के कारण ही होती है। सेल्स का बंटना हमारे शरीर की ग्रोथ के लिए बहुत जरूरी है, लेकिन इसका नियंत्रण में होना बहुत जरूरी है। इसके नियंत्रण से बाहर जाने के कारण कैंसर जन्म लेता है।
कैंसर कैसे लेता है जन्म?
आपने Genes तो सुना होगा, सेल्स को कंट्रोल करने का काम यही Genes करते हैं। जब कोई Gene अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पता, तो सेल्स का बंटवारा कंट्रोल के बाहर हो जाता है। आम तौर पर जब भी सेल सिस्टम से बाहर जाने की कोशिश करता है तो Genes उसे मार देता है। जब Genes ऐसा करने में असफल हो जाते हैं तो कैंसर का कारण बनता है। एक बार बेकाबू होने पर यह इतनी तेजी से बढ़ते हैं कि इन्हें रोकना नामुमकिन सा हो जाता है। इसके बाद यह हमारे अंदर ट्यूमर के तौर पर जन्म लेता है।
क्यों होता है इलाज महंगा ?
कैंसर का इलाज इसलिए महंगा होता है क्योंकि जब सेल्स बहुत अधिक बढ़ जाते हैं तो यह उनके बदलावों के बारे में जानना होता है। इसके बाद उन सेल्स को टारगेट कैसे किया जाए या किस तरह से इन्हें खत्म किया जाए, इसकी पड़ताल करनी पड़ती है। कई जानकारों का ऐसा मानना है कि हालांकि कैंसर की वजह समझने और उससे लड़ने के तरीके को खोजना सही है, लेकिन बेहतर यह है कि इसकी रोकथाम पर ध्यान दिया जाए। कैंसर कुछ खास वजहों से होता है और इन्हे खत्म कर के कैंसर पर रोक लगाई जा सकती है।
रोकथाम पर होना चाहिए जोर
अमेरिका में कैंसर के कुल मामलों के एक तिहाई, सिगरेट पीने की वजह से होते हैं, तो अगर हम तंबाकू के इस्तेमाल को रोकने की कोशिश करें, तो कैंसर की रोकथाम अपने आप हो सकती है। यह बीमारी 40 के उम्र के पार हमारे शरीर में सेल्स में होने वाले बदलावों का बेस बन सकता है। हालांकि, इनमें से अधिकतर पर हमारा शरीर खुद-ब -खुद काबू कर लेता है।
कैंसर से बचाव के लिए इन चीजों का रखें ख्याल
डॉक्टर राहुल भार्गव, डायरेक्टर, बोन नैरो ट्रांसप्लांट, फोर्टिस रिसर्च मेमोरियल इंस्टिट्यूट, गुरुग्राम के अनुसार,
दुनिया भर में कैंसर को रोकने का तरीका यही है कि कैसे अपनी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव किए जाएं और उसमें अच्छी चीजों को शामिल किया जाए। साफतौर पर कहा जाए तो इसका अर्थ है कि रोजाना हमें हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए, फलों को खाना चाहिए, 30 मिनट के लिए वॉक पर जाना चाहिए या फिर दिन में 30 मिनट के लिए किसी भी अन्य प्रकार की एक्सरसाइज करनी चाहिए। दिन में ठीक प्रकार से पानी पीना चाहिए ताकि शरीर से टॉक्सिन्स यानि कि विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाला जा सके। साथ ही साथ तंबाकू या अन्य अप्राकृतिक पदार्थों के सेवन पर या तो बिल्कुल रोक लगा देनी चाहिए या फिर कुछ हद तक नियंत्रण करना चाहिए। प्रोसेस्ड फूड और शुगर के सेवन पर भी कंट्रोल करना जरूरी है, क्योंकि यह सेल्स यानि कोशिकाओं के लिए परिवर्तन का सबसे बड़ा कारण बनते हैं। खाने से पहले किसी भी तरह के भोजन को पूरी तरह से धोना बहुत ज्यादा जरूरी है, क्योंकि आज के समय में इनमें कीटनाशकों की मात्रा बहुत अधिक होती है।
40 साल की उम्र के बाद ये करें
40 साल की उम्र के बाद लोगों को निराशा महसूस हो सकती है कि वह कैंसर को रोक नहीं सकते। जबकि ऐसा माना बिल्कुल सही नहीं है। अगर आप उम्र के किसी भी पड़ाव में अपनी ठीक प्रकार से देखरेख करते हैं और अपनी जीवनशैलवी में बदलाव करते हैं तो इसको रोका जा सकता है। सबसे पहले तो नियमित रूप से जांच करवानी चाहिए। जैसे चार महीने के गैप में पैप स्मीयर और मैमोग्राफी करवानी चाहिए। आप किसी भी स्टेज पर अपना वजन कम कर सकते हैं और इससे अपना इम्युनिटी सिस्टम ठीक कर सकते हैं। अगर सभी अपनी जीवनशैली में इसे शामिल करते हैं तो कैंसर के इलाज की जगह इसे रोका जा सकता है।