कोरोना महामारी (Corona virus) के कहर के बीच जीका (Zika) वायरस के बारे में भी एक अहम जानकारी सामने आई है। शोधकर्ताओं का बोलना है कि यौन संबंध भी जीका के फैलाव का कारण बन सकते हैं।
अपने अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह पाया है कि जीका वायरस योनि मार्ग की सबसे बाहरी कोशिकाओं के भीतर संक्रामक कणों को दोहराने व फैलाने में सक्षम है। हालांकि, यह वायरस मुख्यरूप से मच्छरों द्वारा फैलता है। शोधकर्ता लंबे समय से यौन संबंधों से जीका के प्रसार पर अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने कई ऐसे मुद्दे देखे हैं, जिसमें प्रभावित क्षेत्र के किसी आदमी से यौन संबंध बनाने वाले दूसरे आदमी में संक्रमण हुआ है।
वैसे, पिछले अध्ययनों में भी संक्रमित व्यक्तियों के वीर्य व योनिद्रव में जीका के कणों की मौजूदगी का पता चला है। वर्तमान अध्ययन में कई अन्य बातों व संभावनाओं पर गौर किया गया। FASEB जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के शोधकर्ताओं ने यह पता लगाया कि जीका ने ह्यूमन वेजाइना एपिथेलियल सेल में कैसे व्यवहार किया व उन्होंने कोशिकाओं की सतह पर प्रोटीन के रूप में वायरस के संभावित प्रवेश बिंदु की पहचान की, जिसे tyrosine-protein kinase receptor UFO कहते हैं। जीका वायरस को अभी भी संसार भर के कई हिस्सों में स्वास्थ्य के लिए खतरा माना जाता है। संक्रमित स्त्रियों से जन्म लेने वाले बच्चे में भी संक्रमण का खतरा रहता है। निष्कर्षों से पता चला है कि जीका वायरस के कण UFO रिसेप्टर के माध्यम से वेजाइना एपिथेलियल सेल में सफलतापूर्वक प्रवेश करने में सक्षम थे।
क्या है जीका? कोरोना की तरह जीका वायरस की वैक्सीन भी आज तक नहीं बन सकी है। आरंभ में अफ्रीका से एशिया में फैले इस वायरस ने संसार के कई हिस्सों में कहर बरपाया था। जानकारी के अनुसार, कोरोना की तरह ही इसके संक्रमण का पता लगने में भी कुछ दिनों का समय लगता है। इसके मुख्य लक्षणों में बुखार, स्कीन पर दाने आना, जोड़ों में दर्द आदि शामिल हैं। जीका मुख्य रूप से एडीज जीन से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है।