एक तरफ देश और दुनिया में Lockdown की वजह से बड़ी मंदी की आशंकाएं जताई जा रही है वहीं दूसरी तरफ भारत में सरकार अर्थव्यवस्था को मैनेज करने के लिए लॉकडाउन के बीच ही आर्थिक पैकेज के ऐलान के अलावा दूसरे कदम भी उठा रही है। इसमें अहम कदम है कि जिन जगहों पर कोरोना संक्रमण ना हो वहां उद्योंगों और दुकानदारों को काम करने की मंजूरी दी जाए। इतना ही नहीं सरकार ने अलग-अलग क्षेत्रों को भी आर्थिक मदद का ऐलान किया है। इसी कड़ी में अब RBI ने Mutual Funds कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए 50 हजार करोड़ के पैकेज का ऐलान किया है।
सरकार ने यह ऐलान म्यूचुअल फंड कंपनियों पर आर्थिक बोझ को कम करने की कवायद में उठाया है। केंद्रीय बैंक ने अपने एक बयान में इस मदद का ऐलान करते हुए कहा है, ‘RBI ने पहले ही कहा है कि वो सतर्क है और अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए जरूरी कदम उठाती रहेगी। इसी के तहत म्यूचुअल फंड्स पर आर्थिक दबाव कम करने के लिए यह तय किया गया है कि इनके लिए एक स्पेशल लिक्विडिटी पैकेज जो की 50 हजार करोड़ का है उसे दिया जाए।’
इस सुविधा के अंतर्गत रिजर्व बैंक 90 दिनों के टेनोर पर फिक्स्ड रेट के साथ रेपो ऑपरेशन्स करेगी। बैंक्स इस फंडिंग को पाने के लिए अपनी बोलियां लगा सकते हैं। यह स्कीम 27 अप्रैल से 11 मई 2020 तक या जारी किए गए अमाउंट के उपयोग के दिन तक है। उपलब्ध फंड को बैंकों द्वारा म्यूचुअल फंड्स की लिक्विडिटी की जरूरतों को पूरा करने के लिए उपयोग करना होगा। इसका इस्तेमाल सिर्फ म्यूचुअल फंड को कर्ज देने या उनके पास मौजूद कॉरपोरेट पेपर खरीदने में कर सकते हैं।
बता दें कि रिजर्व बैंक ने यह पैसला पिछले हफ्ते ही Frankiln Templeton Mutual Fund द्वारा अपनी 6 डेट स्कीम्स बंद करने के ऐलान के बाद लिया गया है। इस स्कीम में निवेशकों के 28-30 हजार करोड़ रुपए फंस गए हैं।