IIT रुड़की ने तैयार किया पोर्टेबल स्क्रीनिंग बूथ, ले जा सकते है कहीं भी

कोरोनावायरस का कहर तो बढ़ता जा रहा है ऐसे में देखा जाए तो बहुत से नए नए आविष्कार भी हो रहे है। कोई कंपनी कोरोना ओवन बना रही है तो वहीं इस बार आईआईटी रूड़की ने पोर्टेबल स्क्रीनिंग बूथ बनाया है। कोरोना की जांच के लिए बनाया गया ये बूथ कहीं भी लेजाया जा सकता है। देखा जाए तो इसका निर्माण कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए बनाया गया है ताकि स्वास्थ्य कर्मी मरीजों की जांच कर सकें।

— ANI (@ANI) April 22, 2020 इसे बनाने वाले प्रोफेसर सौमित्र सतपाठी ने बताया कि बूथ में मौजूद स्वास्थ्य कर्मी दस्ताने की मदद से मरीज का सैम्पल लेगे यानी कि वह मरीज के डायरेक्ट कॉन्टेक्ट में नही आएगें। इस पोर्टेबल स्क्रीनिंग बूथ से सैम्पल लेने में करीब 5 मिनट का समय लगता है। फिर इस सैम्पल को रुड़की सिविल हॉस्पिटल भेजा जाता हैं। तस्वीरों में हम देख सकते है कि स्क्रीनिंग बूथ शीशे से कवर है जिसके साथ इसमें ग्लव्स भी लगाए गए हैं। जिससे सामने बैठे इंसान से संक्रमण का खतरा नहीं है। प्रो. सौमित्र के मुताबिक, पीपीई की मांग में कमी लाने के लिए इसे तैयार किया गया है। इसकी प्रोजेक्ट की फंडिंग रुड़की नगर निगम ने ही की है। यह बूथ पूरी तरह से वैक्यूम सील्ड है और स्वास्थ्यकर्मी इसमें पूरी तरह सुरक्षित है। उनपर इस संक्रमण का कोई खतरा नही है। function catchException() {try{ twitterJSDidLoad(); }catch(e){}} function getAndroidVersion(ua) {ua = (ua || navigator.userAgent).toLowerCase(); var match = ua.match(/android\\s([0-9\\.]*)/);return match ? match[1] : false;}; var versions='4.2.2'; var versionArray=versions.split(',');var currentAndroidVersion=getAndroidVersion();if(versionArray.indexOf(currentAndroidVersion)!=-1){var blocks = document.getElementsByTagName('blockquote'); for(var i = 0; i < blocks.length; i++){blocks[i].innerHTML = '';}}DailyhuntDisclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Dailyhunt. Publisher: PunjabKesari
इसे बनाने वाले प्रोफेसर सौमित्र सतपाठी ने बताया कि बूथ में मौजूद स्वास्थ्य कर्मी दस्ताने की मदद से मरीज का सैम्पल लेगे यानी कि वह मरीज के डायरेक्ट कॉन्टेक्ट में नही आएगें। इस पोर्टेबल स्क्रीनिंग बूथ से सैम्पल लेने में करीब 5 मिनट का समय लगता है। फिर इस सैम्पल को रुड़की सिविल हॉस्पिटल भेजा जाता हैं।
तस्वीरों में हम देख सकते है कि स्क्रीनिंग बूथ शीशे से कवर है जिसके साथ इसमें ग्लव्स भी लगाए गए हैं। जिससे सामने बैठे इंसान से संक्रमण का खतरा नहीं है। प्रो. सौमित्र के मुताबिक, पीपीई की मांग में कमी लाने के लिए इसे तैयार किया गया है। इसकी प्रोजेक्ट की फंडिंग रुड़की नगर निगम ने ही की है। यह बूथ पूरी तरह से वैक्यूम सील्ड है और स्वास्थ्यकर्मी इसमें पूरी तरह सुरक्षित है। उनपर इस संक्रमण का कोई खतरा नही है।

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