कोरोना महामारी के बीच आयुष मंत्रालय ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदशों को काढ़ा बनाने की विधि सौंपी है. साथ ही उनसे उनके वाणिज्यिक उत्पादन को बढ़ावा देने का आह्वान किया है. मंत्रालय ने इस काढ़े से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने का दावा किया है.
आयुष मंत्रालय ने बोला कि यह विधि जनसमुदाय के स्वास्थ्य के लिए गुणकारी है. मंत्रालय द्वारा 24 अप्रैल को सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों एवं आयुष दवा विनिर्माताओं को भेजे लेटर में बोला गया कि काढ़ा तुलसी, दालचीनी, सुंथी (अदरक चूर्ण) व कृष्णा मरीच (कालीमिर्च) से बनेगा. उसे आयुष क्वाथ, आयुष कुदीनर या आयुष जोशंदा के जेनेरिक नाम से बेचा जाएगा.
कोरोना वायरस से निपटने के लिए रोग प्रतिरोधकता बढ़ाने के तरीका के महत्व पर विचार करते हुए आयुष मंत्रालय जन समुदाय के स्वास्थ्य के हित में इस रेडीमेड आयुष औषधि के उपयोग को बढ़ावा देना चाहता है. पीएम नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल को संविधान दिवस पर देश के नाम अपने संबोधन में इस पर मुहर लगाई थी.
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि विभिन्न जड़ी-बूटी वाली औषधियां बनाने के कार्य में लगी एक कंपनी ने आयुष क्वाथ बनाने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी है. कंपनी एआईएमआईएल के प्रबंध निदेशक के के शर्मा ने बताया कि यह दवा पाउडर या गोलियां के रूप में शीघ्र ही मार्केट में मिलेगी.