जांघ की हैम्सिट्रंग ऐसी मांसपेशियां हैं जो नितंब व घुटने के बीच होती हैं. ये मांसपेशियां अगर लचीली व मजबूत हों तो ये शरीर का ज्यादा वजन कमर के निचले हिस्से व नितंब की हड्डियों पर पड़ने से रोकती हैं. इस कारण हैम्सिट्रंग से जुड़े व्यायाम करना बहुत महत्वपूर्ण है, आज हम आपको तीन ऐसे व्यायाम बता रहे हैं जो घर में सरलता से किए जा सकते हैं.
क्रॉस लेग स्ट्रेच दायें पैर को बायें पैर पर क्रॉस करते हुए खड़े हो जाएं. अब घुटनों को बिना मोड़े शरीर को आगे की ओर झुकाएं. अपने माथे को घुटनों के करीब लाने का कोशिश करें. शरीर में खिंचाव महसूस होगा, इस स्थिति में खुद को 15 से 30 सेकंड तक रोकें. अब इस व्यायाम को बायां पैर दायें पैर पर क्रॉस करते हुए दोहराएं. लाभ : इसे करके पैरों की मांसपेशियों के साथ पेट की मांसपेशियों में भी मजबूती व लचीलापन आएगा.
टावल स्ट्रेच चटाई पर लेट जाएं, मुंह आसमान की ओर व पैर सीधे जमीन पर रहेंगे. अब एक तौलिये को अपने सीधे पैर के तलबे पर एक फंदे की तरह डालें व तौलिया के दोनों सिरे अपने दोनों हाथों से पकड़ लें. अब धीरे-धीरे तौलिया को इस तरह खींचें कि सीधा पैर ऊपर उठ जाए व आपको जांघ के पिछले हिस्से में खिंचाव महसूस हो. इस मुद्रा में घुटना सीधा रखना है व आपका दूसरा पैर जमीन पर एकदम सीधा रहेगा. इस अवस्था में खुद को 15 से 30 सेकंड तक रोकें व फिर बायें पैर से व्यायाम दोहराएं. लाभ : इसे करने से तलबे की मांसपेशियां मजबूत व लचीली बनेंगी.
सीटेड हैम्सिट्रंग स्ट्रेच हैम्सिट्रंग उन मांसपेशियों का समूह होता है जो ऊपरी पैर में होती हैं, यह व्यायाम इन कोशिकाओं से जुड़ा है. यह करने के लिए कुर्सी के किनारे पर सावधानीपूर्वक बैठ जाएं व अपने दोनों हाथ नितंबों पर रख लें. अब अपने दायें पैर को सामने की ओर इस तरह सीधा करें कि आपकी ऐड़ी फर्श को छुएं व उंगलियां आसमान की ओर केंद्रित हों. इस मुद्रा में रहते हुए अपनी नाभि से दायीं जांघ की ओर दवाब बनाएं पर झुके नहीं. इस अवस्था में खुद को रोकें व फिर दबायें पैर की ओर से इस मुद्रा को दोहराएं. कुर्सी के अतिरिक्त इस व्यायाम को जमीन पर लेटकर भी किया जा सकता है. ऐसा करने के लिए समतल पर सीधे ले जाएं. अपने दायें पैर के घुटने को दोनों हाथों से ऊपर की ओर उठाएं. पैर सीधा रहेगा व इस मुद्रा में घुटना सीने के करीब ले जाने का कोशिश करें. इस अवस्था में दस से तीन सेकंड तक रुकें. लाभ : यह हैम्सिट्रंग को जकड़ने से बचाएगा जिससे शरीर का वजन कमर के निचले हिस्से व नितंब पर ज्यादा नहीं पड़ेगा.