राजस्थान में 300 प्राइवेट हॉस्पिटल्स के 50 हज़ार कर्मचारियों की नौकरी पर संकट

नेशनल दुनिया

राजस्थान सरकार के चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने 1 दिन पहले ही वीडियो बयान जारी कर कहा था कि राजस्थान में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना (Bhamashah Swasthya Bima Yojana), निशुल्क जांच एवं दवा योजना पूरी तरह से, ईमानदारी से, शिद्दत के साथ चल रही है।
लेकिन हालात इसके उलट हैं। राजस्थान के 300 प्राइवेट हॉस्पिटल्स के 50000 कर्मचारियों की नौकरी पर संकट खड़ा हो गया है। और इस संकट का कारण खुद राजस्थान सरकार है, जिसने बीते कई महीनों से भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना (Bhamashah Swasthya Bima Yojana) का पैसा प्राइवेट हॉस्पिटल्स को दिया ही नहीं है।
प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश के करीब 300 निजी चिकित्सालयों के करीब 200 करोड़ पर बताया है, जिसके चलते इस कोविड-19 (Covid-19) की महामारी में अपने कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं दे पा रहे हैं।
उन्होंने कहा है कि सरकार ने यदि अब भी बकाया भुगतान नहीं किया तो राजस्थान के प्राइवेट हॉस्पिटल्स में काम करने वाले करीब 50000 कर्मचारियों की नौकरी पर संकट खड़ा हो जाएगा।
निजी अस्पतालों संचालकों का कहना है कि उनके पास पिछले साल अगस्त के बाद भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना (Bhamashah Swasthya Bima Yojana) के तहत किए गए उपचार का भुगतान हुआ ही नहीं है। जिसके कारण कई निजी हॉस्पिटल बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं।
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) सरकार ने साल 2015 में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना (Bhamashah Swasthya Bima Yojana) की शुरुआत की थी। जिसके तहत प्रदेश के गरीब लोगों को 30000 से लेकर ₹300000 तक की मुफ्त चिकित्सा मुहैया करवाया जाना था।
दिसंबर 2018 में राजस्थान में भाजपा (BJP) की सरकार सत्ता से बाहर हो गई और कांग्रेस (Congress) की अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) वाली सरकार सत्ता में आई है। उसके बाद से ही लगातार भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना (Bhamashah Swasthya Bima Yojana) पर संकट के बादल मंडरा रहे थे, लेकिन अगस्त 2019 के बाद किसी योजना से इंश्योरेंस कंपनी ने अपने हाथ खींच लिए, जिसके बाद राज्य सरकार निजी अस्पतालों को भुगतान नहीं कर पाई।

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