लॉकडाउन की वजह से भले ही प्रदूषण कम हो गया है और मौसम में बदलाव आया हो लेकिन तापमान अभी भी काफी बढ़ रहा है। बढ़ते तापमान का सबसे ज्यादा असर ऑस्ट्रेलिया के ग्रेट बैरियर रीफ में समुद्र को हो रहा है। जी हां, ऑस्ट्रेलियाई पारिस्थितिकी में अहम स्थान रखने वाले विश्व के सबसे बड़े प्रवाल भित्ति 'ग्रेट बैरियर रीफ' पर बढ़ते तापमान की वजह से अस्तित्व का संकट मंडरा रहा है।
दरअसल, लगातार बढ़ते हुए तापमान के कारण यहां काफी हानिकारक कोरल ब्लीचिंग हो रही है। शोधकर्ताओं के अनुसार, अब तक गंभीर ब्लीचिंग से बची प्रवाल भित्तियों की संख्या लगातार घटती जा रही है। बता दें कि ग्रेट बैरियर रीफ ऑस्ट्रेलिया के सुदूर उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्र में स्थित है।
बढ़ते तापमान के कारण पिछले 5 सालों में 2300 कि.मी. रीफ सिस्टम में तीसरी विशाल ब्लीचिंग हुई है। पहली बार इस रीफ ब्लीचिंग का पता 1998 में चला था। परेशानी की बात तो यह है कि लगातार बढ़ते तापमान के कारण कोरल ब्लीचिंग इतनी तेजी से बढ़ रही है कि उसे ठीक होने का भी समय नहीं मिल पा रहा है।
क्या है कोरल ब्लीचिंग?
कोरल अपने एल्गी (शैवाल) निष्कासित करते हैं, जो उनके टिश्यूज (ऊतकों) में रहते हैं। इन एल्गीज के न रहने पर कोरल्स का चमकदार रंग रंगहीन हो जाता है। समुद्र के तापमान में बदलाव के कारण स्वस्थ कोरल तनावग्रस्त हो जाते हैं, जिसकी वजह से कोरल ब्लीचिंग होती है।
थर्मल तनाव से होती है कोरल ब्लीचिंग
शोधकर्ताओं ने बताया कि कोरल ब्लीचिंग गर्मियों में समुद्र के तापमान में वृद्धि के कारण पैदा होने वाले थर्मल तनाव के कारण होती है। बढ़ते तापमान के कारण पिछले पांच वर्षो में 2300 किमी रीफ सिस्टम में तीसरी गंभीर ब्लीचिंग हुई है। पहली बार इसके बारे में वर्ष 1998 में पता चला था। रिकॉर्ड के बताते हैं कि यह साल सबसे गर्म रहा था।
ग्रेट बैरियर रीफ कोरल ब्लीचिंग की खासियत
. बढ़ते तापमान के कारण इसके तीनों क्षेत्र - मध्य, उत्तरी व अब दक्षिणी क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। . फरवरी माह में सबसे अधिक समुद्री तापमान होने के कारण ग्रेट बैरियर रीफ को नुकसान हुआ. . ग्रेट बैरियर रीफ में हर साल कई टूरिस्ट आते हैं, जिसकी वजह से ऑस्ट्रेलिया अर्थव्यवस्था को 4 बिलियन डॉलर का मुनाफा होता है। मगर, अब यह विश्व विरासत का दर्जा खोता जा रहा है।
ग्रेट बैरियर रीफ के बारे में...
1. बता दें कि ग्रेट बैरियर रीफ दुनिया का सबसे बड़ा कोरल रीफ सिस्टम है, जो ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड के तट पर कोरल सागर में स्थित है। 2. यहां आप 2900 से अधिक अलग किस्म की कोरल रीफ्स देख सकते हैं। 3. यह दुनिया की पहली ऐसी संरचना है, जो जीवित प्राणियों से मिलकर बनी है। बता दें कि यह अरबों छोटे जीवों के एक साथ मिलने से बनी है। 4. रीफ से हमें पृथ्वी पर जीवन की विशाल विविधता का पता चलता है। 5. इसे वर्ष 1980 में विश्व विरासत स्थल के रूप में चुना गया था। 6. यह रीफ दुनिया के सात अजूबों में से एक है।