कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus pandemic) के चलते लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से कई दिक्कतें सामने आ रही हैं. वहीं इस मुश्किल समय में भी मदद के कुछ ऐसे हाथ बढ़ रहे हैं जिन्हें अगर इंसानियत की मिसाल कहा जाए तो गलत नहीं होगा. जरूरतमंदों की मदद के लिए ऐसे ही एक व्यक्ति कर्नाटक के रहने वाले अब्दुर्रहमान. अब्दुर्रहमान 55 साल के हैं और किसान हैं. अब्दुर्रहमान की दिली ख्वाहिश थी कि वो अपनी जिंदगी में एक बार हज यात्रा कर मक्का मदीना जरूर जाएंगे. इस वास्ते उन्होंने पिछले कई सालों से पाई जोड़ी भी थी. इस बार वो मक्का मदीना जाने वाले थे. लेकिन कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन की वजह से सबकुछ रद्द हो गया. ऐसे में अब्दुर्रहमान ने हज यात्रा के लिए बचाए गए रुपयों से गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करना मुनासिब समझा.टाइम्स ऑफ़ इंडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार, अब्दुर्रहमान ने हज यात्रा के लिए जोड़े गए पैसों से उन मजदूरों की मदद की जो अपने शहर से दूर फंसे हुए थे और जिनके घर खाने-पीने और राशन का सामान खत्म हो चुका था. अब्दुर्रहमान ने लोगों की मदद के लिए 'राशन, चावल और खाने पीने की अन्य सामग्री बंटवाई.अब्दुर्रहमान ने इस हालात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें यह देखकर बेहद अफ़सोस हो रहा है कि किस तरह रोज कमाने खाने वाले और अपनी आजीविका कमाने वाले लोग लॉकडाउन की वजह से लाचार है और घर पर बैठे हुए हैं. इसी पल मैंने सोचा कि हज यात्रा के पैसों से मैं इन मजदूरों की मदद करूंगा.