कुछ लोगों को मच्छर क्यों ज्यादा काटते हैं। इस बात का खुलासा हुआ है एक शोध में। शोध में बताया गया है कि मच्छर ऐसे लोगों को अपना ज्यादा शिकार क्यों बनाते हैं। मच्छरों की ये प्रजातियां तमाम इंसानों में किस आधार पर अपना शिकार चुनती हैं। कुछ लोगों को मच्छर पूरे शरीर पर काट लेते हैं जबकि कुछ को एक-दो बार ही काटते हैं। ऐसा क्यों होता है? ऐसे कौन से कारक हैं जो मच्छरों की पसंद-नापसंद को प्रभावित करते हैं? स्टैफॉर्डशायर यूनिवर्सिटी में बायोलॉजिकल साइंस के लेक्चरर रिचर्ड हाफपेन्नी ने स्पष्ट किया है कि कुछ लोगों को मच्छर ज्यादा क्यों काटते हैं? रिचर्ड हाफपेन्नी के मुताबिक प्रत्येक व्यक्ति की त्वचा पर कुछ बैक्टीरिया और फंगी होते हैं जिनसे एक दुर्गंध निकलती है। इस दुर्गंध के आधार पर ही मच्छर अपना शिकार चुनते हैं। हमारी त्वचा के प्रति वर्ग सेमी हिस्से पर करीब 10 लाख बैक्टीरिया होते हैं। हमारे स्किन के छिद्रों और हेयर फोलिकल्स के जरिए निकलने वाली इनकी दुर्गंध के आधार पर मच्छर चुनते हैं कि हम उनका कितना बेहतर ढंग से भरण-पोषण कर पाएंगे। अन्य शब्दों में कहें तो मच्छर किसी भी व्यक्ति को उसके शरीर की अंदरूनी बायोलॉजी के आधार पर नहीं बल्कि स्किन के माइक्रो-आर्गेनिज्म के आधार पर चुनते हैं। स्किन माइक्रोबायोटा की रचना इस बात पर निर्भर करती है कि हम क्या खाते हैं और कहां रहते हैं। मच्छरों के ज्यादा काटने का शरीर से निकलने वाले पसीने से कोई संबंध नहीं होता। वैसे तो मच्छरों की 3000 से ज्यादा प्रजातियां है लेकिन इनमें से कुछ ही ऐसी हैं जो इंसानों से अपना भरण-पोषण करती हैं।