महामारी कोरोना वायरस को हराने के लिए भारत सरकार ने खास रणनीति तैयार की है। जिला और ब्लाक स्तर पर जोखिम का आंकलन कर क्लस्टर कंटेनमेंट जोन व बफर जोन बनाए जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी की गई इस रणनीति के तहत 211 जिले सिलेक्ट किए गए हैं। चलिए जानते हैं कोरोना को हराने की क्लस्टर और बफर जोन नीति क्या है।
क्या है कंटेनमेंट जोन?
कोरोना संक्रमित लोगों से फैलने वाले इंफैक्शन को "स्थानीय संक्रमण" कहते हैं। ऐसे में इसे रोकने के लिए कंटेनमेंट जोन बनाई गई है। कंटेनमेंट जोन तय करना यानि उनके संपर्क में आए लोगों की निगरानी करना। ये रणनीति वायरस की ट्रांसमिशन चेन को तोड़ने के लिए है।
क्लस्टर कंटेनमेंट रणनीति
इसमें उस इलाके को पृथक करना, सोशल डिस्टेंसिंग उपाय, सभी संदिग्धों का टेस्ट करना और उन्हें आइसोलेट करना शामिल है। जिस इलाके में मरीज पाए जाएंगे, वह कंटेनमेंट जोन और उससे लगते ब्लॉक और जिले बफर जोन में होंगे।
कंटेनमेंट जोन और बफर जोन में फर्क
कंटेनमेंट जोन घोषित किए इलाके से सटे 3 कि.मी. एरिया को सील कर दिया जाता है। किसी भी की आवाजाही पूरी तरह बंद रहती है जबकि उपरोक्त परिधि के बाद इसके साथ लगते एरिया, जो थोड़ा कम संवेदनशील है, उसको बफर जोन कहा जाता है। हालांकि इसको भी बीमारी के लिहाज से कम सवेंदनशील नहीं माना जाता है।
ये हैं कलस्टर जोन एरिया
कोविड-19 की बीमारी देश में जिन हिस्सों में फैल रही है उनकी क्लस्टर के रूप में पहचान की जा रही है। यह क्लस्टर कई राज्यों खासकर महाराष्ट्र, केरल, गुजरात, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली और केंद्र शासित लद्दाख के 211 जिलों में चिन्हित किए गए हैं।
वहीं, बफर जोन में गांव पावसर, रनियाला खुर्द, हुचपुरी खुर्द, खेड़ली ब्राह्मण, स्वामीका, मीरपुर, रनसीका, खिल्लूका, नागल जाट, रूपनगर नाटोली, हुड़ीथल, गोहपुर, कुकरचाटी, बुराका हथीन, बिघावली, धीरनकी, घिंगड़ाका, मीरका, रूपड़ाका, चिल्ली, मालपुरी, मालूका, टोंका, कुमरेहड़ा, मलाई, आली ब्राह्मण, अंधोप, खाइका, भूडपुर, जराली, मनकाकी, लड़माकी, पहाड़ी, मोहदमका, अंधरोला व पचानका शामिल हैं।
जरूरी चीजों की होगी होम डिलीवरी
मुख्यमंत्री ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि इन कंटेनमेंट जोन और बफर जोन में लोगों की राशन, दूध, करियाना, दवाईयां व सब्जी जैसी आवश्यक जरूरतें पूरी करवाई जाएंगी। इस काम के लिए पर्याप्त स्टाफ लगाया जाएगा। डिलीवरी करने वाला कर्मचारी अपनी सुरक्षा के लिए हाथो में सुरक्षा उपकरण का यूज करेगा। वह घर के अंदर व किसी व्यक्ति से फिजिकल कॉटेक्ट नहीं करेगा।