लॉकडाउन और कोरोनावायरस के बीच आज फिर मोदी जी ने लोगों को संबोधित किया। ये संबोधन वह अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए कही। मन की बात का यह 64वां संस्करण है। बता दें कि 'मन की बात' कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को ही प्रसारित होता है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए नरेंद्र मोदी जी ने देश में चल रही स्थितियों के बारे में खुलकर बात की।
पीएम मोदी ने जनता से अपील की, आप सरकार द्वारा एक प्लेटफॉर्म पर जो भी चाहें उसमें योगदान कर सकते हैं। आर covidwarriors.gov.in पर जाकर अपना योगदान दे सकते हैं।
PM मोदीः जनता लड़ रही कोरोना की जंग
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की कोरोना के खिलाफ लड़ाई सही मायने में पीपल ड्राइवेन (People Driven) है। क्योंकि कोरोना के खिलाफ लड़ाई जनता लड़ रही है, आप लड़ रहे हैं, जनता के साथ मिलकर शासन, प्रशासन लड़ रहा है। आज देशभर में, गली- मोहल्ले, जगह-जगह लोग एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आए हैं। आज पूरा देश, देश का हर नागरिक, जन-जन इस लड़ाई का सिपाई है, लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है।
गरीबों के लिए खाने से लेकर राशन की व्यवस्ता की जा रही है। गरीबों को 3 महीने के मुफ्त सैलेंडर दिए गए हैं। साथ ही उन्हें राशन व दूसरी सभी जरूरी चीजें भी दे रहे हैं। यही नहीं, उन्होंने बताया कि कोरोना योद्धा जैसे डॉक्टर्स, नर्सेज, प्रैरामेडिकल स्टॉफ व पुलिस के साथ दुर्व्यवहार करने वाले के खिलाफ कड़ी कारवाही की जाएगी। आज देश के लोगों की सोच में काफी बदलाव हुआ है।
देश में चल रहा है महायज्ञ
पीएम मोदी ने कहा, 'ताली-थाली, दीया मोमबत्ती से लोगों में भावनाएं जगीं। शहर हो या गांव ऐसा लग रहा है जैसे देश में महायज्ञ चल रहा है जिसमें हर कोई योगदान देने को आतुर हैं। हमारे किसान भाई बहन दिन रात खेतों में मेहनत कर रहे हैं और चिंता कर रहे हैं कि कोई भी भूखा न सोए।'
आयुष मंत्रालय के टिप्स किए
पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे यकीन है कि आप आयुष मंत्रालय द्वारा प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले प्रोटोकॉल का अभ्यास कर रहे होंगे।' सेहत को लेकर बात करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए सुझाव को जरूर फॉलो करें। मास्क की बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना से बचने के लिए मास्क पहनें। उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि वह तो गमछा को ही प्राथमिकता देते हैं।
लोगों ने दिखाई मानवता
देशभर में लोग एक दूसरे की मदद के लिए आगे आकर मानवता दिखा रहे हैं। वहीं इन हालातों में भी हमने लोगों की जरूरतें पूरी करने की कोशिशें की तो दूसरे देशों की भी मदद कर मानवता भी दिखाई। जब कोई दूसरों की जरूरतों को पूरा करता है, जो अपने आप में, कड़ी मेहनत से, आवश्यक वस्तु- मात्रा के बावजूद, अपनी संस्कृति के साथ पूरा करता है।
थूकने को लेकर आई जागरूकता
उन्होंने कहा कि लोगों में सार्वजनिक जगहों पर थूकने को लेकर भी काफी जागरूकता आई है। आज लोगों को पता है कि ऐसा करना कितना खतरनाक हो सकता है।