नई दिल्ली, कोरोना वायरस महामारी के बीच खुद ही बीमारी पहचान कर खुद ही दवा ले लेने वाले लोग अब छोटी-छोटी चीजों के लिए भी डॉक्टर से परामर्श ले रहे हैं। स्वास्थ्य संबंधी छोटी-छोटी बातों को लेकर लोगों में आशंकाएं बढ़ी हैं।
इसके चलते खासकरके महिलाएं टेलीमेडिसीन का उपयोग कर रही हैं, ताकि विशेषज्ञों द्वारा अपने संदेह को लेकर वे स्पष्ट हो सकें। प्रैक्टो हेल्थ पर सबसे ज्यादा परामर्श स्त्रीरोग विज्ञान और प्रसव पूर्व देखभाल को लेकर लिए जा रहे हैं। ऑनलाइन परामर्श करने वाली स्त्रीरोग विशेषज्ञों ने बताया है कि इन महिलाओं में सबसे ज्यादा महिलाएं पीरियड्स में अप्रत्याशित अनियमितता जैसे सवालों और सुरक्षित गर्भावस्था को लेकर परामर्श ले रही हैं।
प्रैक्टो हेल्थ इनसाइट्स के अनुसार, कोरोनोवायरस के प्रकोप के बाद से हर तीन महिलाओं में से एक परामर्श गाइनीकोलॉजी से संबंधित मुद्दों के लिए होता है। अधिकांश लोग 21-30 वर्ष की आयु के हैं, इसके बाद 31 से 40 आयु वर्ग के लोग हैं।
ऑनलाइन स्त्रीरोग विशेषज्ञ से परामर्श लेने वालों में 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं की संख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।
सभी स्त्री रोग से संबंधित परामर्श लेने वाली 52 प्रतिशत महिलाएं महिलाएं खुद अपने लिए एप्रोच करती हैं, जबकि 48 प्रतिशत प्रश्न पुरुषों की ओर से आते हैं जो अपनी पत्नी या परिवार की महिला सदस्य के लिए पूछते हैं।
स्त्री रोग संबंधी सबसे ज्यादा प्रश्न जिन मेट्रो शहरों से पूछे गए उनमें सबसे ज्यादा, बल्कि अधिकांश प्रश्न बैंगलोर से थे, उसके बाद दिल्ली एनसीआर, पुणे, मुंबई, हैदराबाद और चेन्नई शामिल थे।
मेट्रो शहरों में से दिल्ली में 350 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। टियर 2 शहरों में, अधिकांश प्रश्न अहमदाबाद, जयपुर, भुवनेश्वर और मैसूर से आए।
सबसे ज्यादा पूछे गए प्रश्नों में पीरियड की समस्या, कोरोनावायरस के दौरान गर्भावस्था की जटिलताएं, जन्म नियंत्रण तकनीक और गर्भपात प्रमुख हैं।
प्रैक्टो के मुख्य स्वास्थ्य सेवा के अधिकारी डॉ. अलेक्जेंडर कुरुविला ने कहा, "टेलीमेडिसिन इस महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवा में बहुत सकारात्मक योगदान दे रहा है और इसका उपयोग न केवल कोरोनोवायरस संबंधित प्रश्नों के लिए बल्कि अन्य चिकित्सा स्थितियों के लिए भी किया जा रहा है।
यह उन लोगों की खासी मदद करता जो अस्पतालों का दौरा किए बिना अपने घरों से उचित चिकित्सा देखभाल प्राप्त करना चाहते हैं, ताकि वायरस के संपर्क में आने के उनके जोखिम को कम किया जा सके। टेलीमेडिसिन यह सुनिश्चित करता है कि डॉक्टर लोगों के लिए सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध हों, ताकि वे समय पर चिकित्सा प्राप्त कर सकें।
हम अधिक से अधिक डॉक्टरों को मदद कर रहे हैं, ताकि वे रोगियों को ऑनलाइन परामर्श दे सकें। साथ ही हम यह भी सुनिश्चित कर रहें कि रोगियों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा में कोई व्यवधान न हो।"
-आईएएनएस