आमतौर पर गठिया बूढ़े-बुजुर्गों और उम्रदराज व्यक्तियों में अधिक होता है लेकिन गतिहीन जीवनशैली और खान-पान की खराब आदतों ने युवा पीढ़ी को भी इसकी जद में ला दिया है।मेडिकल की भाषा में इस स्थिति को संधिशोथ यानी ती अर्थराइटिस के नाम से भी जाना जाता है।
डॉक्टर इस समस्या को दो भागों में बांटते हैं, जिसमें पहला है उत्तेजक और दूसरा है अपकर्षक। चिकित्सा पद्धति के मुताबिक, इस रोग पर काबू पाने का सबसे अच्छा और सरल तरीका है परहेज और खानपान की गुणवत्ता में सुधार। हालांकि ये दोनों चीजें ही आपको कई रोगों से छुटकारा दिलाने में फायदेमंद हैं। गठिया को सही डाइट और उपचार के जरिए ठीक किया जा सकता है।
आयुर्वेद के मुताबिक, गठिया के इलाज में सबसे अच्छा, सरल और प्रभावी तरीका है जड़ी बूटियों से उपचार। जड़ी बूटियों की मदद से गठिया के उपचार में आपको निश्चित तौर पर अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं। आयुर्वेद में अश्वगंधा की मदद से गठिया से राहत पाने के उपाय सुझाए गए हैं। दरअसल अश्वगंधा में ऐसे गुण मौजूद होते हैं जिनकी मदद से रक्त प्रवाह को संतुलित और कंट्रोल किया जा सकता है।
अश्वगंधा शरीर से मल को निकालने में आसान बनाता है। इसके साथ ही अश्वगंधा सांस के स्तर को भी कंट्रोल में रखता है। गठिया के दर्द में आराम पाने के लिए आपको 3-6 ग्राम अश्वगंधा लेना है और उसका पाउडर बनाना है। आप इसको दूध या पानी में मिलाकर पी सकते हैं इसके सेवन से शरीर के सभी जोड़ों, तंत्रिकाओं, लिगामेंट्स और मांसपेशियों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। अश्वगंधा के सेवन से जोड़ों की सूजन व दर्द में भी कमी आती है।