वैसे तो ज्यादातर लोगों का मानना है कि हार्टअटैक मुख्य रूप से धमनियों में बसा जमने के कारण होता है। जो ना सिर्फ खून के प्रभाव को रोकता है बल्कि मांसपेशियों को भी कमजोर कर देता है। कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स दो महत्वपूर्ण कारक है जो दुनिया को ब्लॉक करके खून के प्रवाह में रुकावट लाने का काम करता है। इन दोनों कारको कोई खास प्रकार के माफिया भी कहा जाता है क्योंकि विश्व स्तर पर हर साल हार्टअटैक से करोड़ों लोगों की मौत होती है।'
जानिए मोटापा और हृदय रोगों में संबंध हम सभी के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि मोटापा किस प्रकार हृदय रोगों को बढ़ावा देने का काम करता है। फ्री कैलोरी की मदद से उर्जा उत्पन्न करता है. हम जो भी खाते हैं वह फ्लूकोस के रूप में मांसपेशियों तक आसानी से पचता है. जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है शरीर इंसुलिन की मदद से यह सुनिश्चित करता है कि कैलोरी सही मात्रा में इस्तेमाल वह भी रही है या फिर नहीं अतिरिक्त कैलोरी वसा यानी किस रूप में जमा रहता है. ऐसे में ग्लूकोज के स्तर को संतुलित बनाए रखने के लिए मात्रा में बनने लगता है। ऐसे में जमा हुआ ज्यादा फैट शरीर के मेटाबॉलिज्म कार्यप्रणाली को बिगड़ता है. क्योंकि में मांसपेशियों ग्लूकेगन को रोकने में असमर्थ हो जाती है. इससे इंसुलिन अधिक मात्रा में उत्पन्न होने लगता है।
ट्राइग्लिसराइड एक प्रकार का तेल होता है. जो धमनियों को ब्लॉक कर के विभिन्न प्रकार के हृदय रोगों का कारण बनता है. का मतलब होता है हर रोज चाहे कितना भी कम तेल वाला खाना क्यों नहीं खाते हो. लोंग रन के हिसाब से हम खुद को एक बड़ी मुश्किल में डाल रहे हैं. हालांकि अधिकतर लोग खाने के स्वाद बढ़ाने के लिए ज्यादातर तेल का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन सच यह है कि तेल में कोई भी स्वाद ए क्लेवर नहीं होता है. यदि इस बात पर यकीन हो जाए तो हम खुद ही एक चम्मच तेल में सब्जियां पकाना शुरू कर देंगे।
हमने हजार से भी ज्यादा रेसिपी तैयार की है जो नाचते बिना तेल के बनाई जा सकती है बल्कि उनमें स्वाद की भी कोई कमी नहीं होती हमारे शरीर को जितनी मात्रा में वसा की जरूरत होती है बस चावल सब्जी गेहूं फलदान में भरपूर मात्रा से होता है।
आपको बता दें कि बादाम काजू अखरोट और पैसा आदि जैसे सूखे में वह मैं 50% से ज्यादा तेल पाया जाता है। नारियल मूंगफली में लगभग 40% तेल पाया जाता है हालांकि कुछ हृदय रोग विशेषज्ञ अपने रोगियों को यह कहकर गलत सलाह देते हैं उसमें बसा नहीं होता फिर मरीज को कहकर सूखे मेवे खाने की अनुमति दे देते हैं कि इसमें ओमेगा-3 ऑयल होता है जो एचडीएल स्तर को बनाते हैं। वह कभी नहीं बताते किस का सेवन करने से आपके शरीर में कहीं ना कहीं से तेल की मात्रा पहुंच रही है. इसलिए हर प्रकार की नेट से दूर रहना चाहिए। किशमिश मुनक्का अंजीर खजूर और खुमानी में बिल्कुल तेल नहीं होता।