होली के रंग कई बार आपको बदरंग भी कर सकते हैं। आजकल बाजार में मिलने वाले रंग कैमिकल युक्त होते हैं जिनसे ना सिर्फ एलर्जी हो सकती है बल्कि त्वचा संबंधी कई समस्याएं भी हो सकती हैं। होली पर कैसे रंगों का इस्तेमाल कर आप त्वचा संबंधी समस्याओं से बच सकते हैं।
कैमिकल युक्त होली:
कैमिकल युक्त होली के रंगों से कई नुकसान जैसे आंख में इरिटेशन होना, स्किन एलर्जी, अंधापन, डस्ट एलर्जी और रैशेज भी पड़ सकते हैं. हर रंग में अलग-अलग तरह के कैमिकल मिले होते हैं जिससे खेल-खेल में कई समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।
नेचुरल होली:
प्राकृतिक रंग यानी हर्बल रंगों से ना सिर्फ आप होली को अच्छी तरह से एंज्वॉय कर सकते हैं बल्कि इससे आपको कोई हेल्थ प्रॉब्लम्स भी नहीं होंगी।
यूं तो बाजार में भी हेल्दी और हर्बल रंग मिलते हैं लेकिन आपको इसकी क्वालिटी का खास ख्याल रखना होगा। आप गुलाल और अन्य रंगों को खरीदने से पहले उनमें लिखे दिशा-निर्देश अच्छी तरह से पढ़ लें।
इन ऑर्गैनिक कलर्स की खास बात ये है इन्हें छुड़ाना आसान होता है। ये स्किन फ्रेंडली होते हैं और नॉन टॉक्सिक यानी कैमिकलमुक्त होते हैं।
प्राकृतिक रंगों को बनाने में घरेलू प्रोडक्ट जैसे हल्दी-चंदन को इस्तेमाल किया जाता है। इनमें मुख्य तौर पर हल्दी, चुकंदर, कुमकुम, सफेद मैदा, गुलाब की पत्तियां, तुलसी और मेंहदी की पत्तियां, सेंडलवुडपाउडर, बेसन, गेंदे के फूल के साथ ही कई किस्म के फूलों की पत्तियों को मिलाया जाता है।