कोटा शहर (Kota) की कोचिंग में लॉकडाउन (Lockdown) के चलते फंसे छात्र-छात्राओं को अब तक 5 राज्यों की सरकारों ने राजस्थान सरकार की मदद से अपने-अपने राज्यों में बुला लिया है, लेकिन वहीं बिहार के सैंकड़ों छात्र अब तक कोटा में फंसे हुए हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से कई बार आग्रह करने की बाद अब छात्रों ने गांधीवादी तरीके से विरोध शुरू कर दिया है.
अब बिहार (Bihar) के छात्र-छात्रों ने हॉस्टल में उपवास करना शुरू कर दिया है. हाथों में तख्तियां लेकर ये कोई राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता नहीं, बल्कि कोटा में पढ़ने वाले बिहार के छात्र-छात्राएं हैं. गांधीवादी नीति के तहत छात्र तख्तियों पर 'बुरा न देखो, बुरा न सुनो, बुरा न बोलो' का संदेश दे रहे हैं, क्योंकि उनका कहना है कि देश में उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही है.
बिहार के छात्रों का कहना है कि हम सरकार को जगाने का प्रयास कर रहे हैं. बिहार के अंदर हमारे सभी परिजन टेंशन में हैं. बिहार सरकार से हमारा अनुरोध है कि जल्द से जल्द और राज्यों की सरकारों की तरह, हमारे लिए भी राजस्थान सरकार से बात करके गाड़ी भेजें.
मालूम हो कि बिहार के CM नीतीश कुमार बच्चों को कोटा से उनके राज्यों में वापस भेजने का विरोध कर चुके हैं. पिछले दिनों नीतीश ने उत्तर प्रदेश (UP) सरकार द्वारा कोटा में पढ़ रहे वहां के बच्चों को बसों से उनके घर पहुंचाए जाने के फैसले का जमकर विरोध किया था और वे अपने राज्य के बच्चों को भी बुलाने को तैयार नहीं हो रहे हैं.
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