डायबिटीज मुख्य रूप से कफ गुनाह बढऩे से होती है. रोग के उपचार के दौरान आयुर्वेद में इस गुनाह को संतुलित करते हैं. नीम इस रोग में किसी औषधि से कम नहीं है. यह संक्रमण और स्कीन संबंधी रोगों से बचाने के साथ शरीर में बढ़ते शुगर को रोकने, खून साफ करने और पेट से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने में मददगार है.
नीम का काढ़ा : बढ़ती शुगर को कम करने के लिए नीम का काढ़ा पी सकते हैं. इसके लिए एक मुट्ठी नीम के ताजा पत्तों को पानी से धो लें. इन्हें 2 गिलास पानी में डालकर उबालें. पानी आधा गिलास रहने पर छान लें. पानी की इस मात्रा को दो भागों में बांटकर दिन में दो बार पीएं.
ध्यान रखें : यदि आपका शुगर लेवल ज्यादा रहता है तो दवाओं के साथ नीम भी लें. साथ ही अपना शुगर लेवल हर 2-3 माह में चेक कराएं. ध्यान रखें कि गर्भवती महिला व ऐसी महिलाएं इसे न लें जो ब्रेस्टफीड कराती हैं.
नहाने में भी प्रयोग बाहरी तौर पर यदि स्कीन से जुड़ी कोई समस्या या संक्रमण हो तो नीम की कुछ पत्तियों का उबला पानी नहाने के पानी में डालकर नहानें की आदत डालें.
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आप नीचे दिए गए फलों का भी उपयोग कर सकते हैं. फलों को उनके गुणों के अनुसार डाइट में शामिल किया जा सकता है.
आम फायबर व विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में होने के कारण फलों का राजा बोला जाता है आम. हड्डियों को मजबूत बनाने के अतिरिक्त यह शरीर के तापमान को ठीक बनाए रखता है. इसे नियमित खाने से तनाव नहीं रहता.
कीवी विटामिन-सी भरपूर मात्रा में होने के कारण कीवी शरीर में उपस्थित कीटाणु व बैक्टीरिया को नष्ट करने का कार्य करती है. रक्त की पूर्ति करने में भी यह उपयोगी है. इसमें डायट्री फाइबर होता है जो भूख बढ़ाने में मददगार है.
पपीता कमजोर कोशिकाओं को ताकत देने का कार्य करते हैं पपीते के गुण. साथ ही जो लोग वजन घटाने में लगे होते हैं वे यदि प्रतिदिन 100 ग्राम पपीता खाने से फायदा होगा. लिवर को स्वास्थ्य वर्धक रखने के लिए इसे खा सकते हैं.