मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।कोरोना महामारी को देखते हुए मुस्लिम धर्मगुरुओं ने अपने अनुनाइयों से लॉकडाउन का सख्ती के साथ पालन करने की अपील की है। दारुल उलूम देवबंद ने जहां इस संबंध में पूरी गाइडलाइन जारी की है, वहीं बरेली शरीफ के इमाम-ए-शहर मुफ्ती खुर्शीद आलम रज़ावी ने हुकूमत की ओर से किए गए लॉकडाउन का पालन रमज़ानुल मुबारक में भी किए जाने की अपील की है। रमज़ान में मस्जिदों में भीड़ काफी बढ़ जाती है। रोजाना वहां होने वाली तरावीह की नमाज़ में कसीर तादाद में मुसलमान शिरकत करते हैं। धर्मगुरुओं की ओर जारी अपील में कहा गया है की महामारी के संकट को देखते हुए तरावीह व जुमे की नमाज़ के लिए मस्जिदों में न जाए। इमाम और मोअज़्ज़िन के अलावा जिन लोगों को मस्जिद में जाने की अनुमति है, वही लोग जाएंगे। इफ्तार का न तो सामूहिक प्रबंध किया जाए और न ही इसका वितरण घर-घर किया जाए। सवाब की नीयत से ज़रूरत मंदो को कैश दे सकते हैं।लोगों से अपील की गई है की घरों से बाहर न निकले और सोशल डिस्टेंसिग का पालन करें। कोरोना की रोकथाम में लगी स्वास्थ्य विभाग की टीमों का सम्मान करें और जांच में सहयोग प्रदान करें। मिलजुल कर सामूहिक प्रयास से ही कोरोना पर काबू पाया जा सकता है। हुसैनी मस्जिद के इमाम मौलाना अली हसन ने बताया की जमात की नमाज़ व इफ्तार का आयोजन मस्जिद में नहीं होगा। लोगों से कहा गया है की लॉकडाउन का पालन करते हुए घरों में ही इबादत करें। सरकार की गाइड लाइन का पालन करें।
Post Views: 3