Coronavirus and Ramadan Tips: रमजान में भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां, पूरे परिवार पर आ सकता है कोरोना का संकट

कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में तबाही मची हुई है। चीन से महामारी बनकर निकले इस खतरनाक वायरस ने अब तक 26 लाख से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना लिया है और इसकी चपेट में आकर करीब दो लाख लोगों की मौत भी हो गई है। अगर बात करें भार की तो, यहां संक्रमित लोगों की संख्या 22 हजार के करीब पहुंचने वाली है और अब तक 681 लोगों की मौत हो चुकी है।

संकट की इस घड़ी के बीच रमजान का पाक महीना भी शुरू हो रहा है जो मुस्लिम समुदाय के लिए सबसे अहम महीना है। इस दौरान मुस्लिम 30 दिनों तक रोजे रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं। कोरोना की वजह से लगभग सभी देशों में लॉकडाउन लागू है और सभी लोग पिछले एक महीने से अपने घरों में बंद हैं।
रोजे रखना एक बेहद कठिन इबादत है और लॉकडाउन की स्थिति में इसे पालन करना और ज्यादा कठिन हो सकता है। क्योंकि इबादत करते हुए कोरोना का संक्रमण को भी फैलने से रोकना है। हम आपको कुछ ऐसी जरूरी बातों की जानकारी दे रहे हैं, जिन्हें आपको इस संकट काल के दौरान अमल में लानी चाहिए, वरना आपको और आपके परिवार को कोरोना का खतरा हो सकता है।
1) कमजोर और बीमार लोग न रखें रोजे ऐसे लोग लोग जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत कमजोर है उन्हें भी उपवास से बचना चाहिए। इम्युनिटी कमजोर होने से संक्रमण से लड़ना मुश्किल हो जाता है। इसलिए अगर आप बार-बार बीमार पड़ते हैं, तो इसका कारण आपके शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम होना हो सकता है। जाहिर है पूरा दिन भूखा-प्यासा रहने से इम्यून सिस्टम पर भारी असर पड़ता है।
2) फल-सब्जियों लेने के लिए होड़ न लगायें रमजान के दिनों इफ्तारी में फल शामिल होते हैं जिस वजह से इस महीने में फलों की बिक्री बढ़ जाती है। फल खरीदने के लिए घर से केवल एक व्यक्ति ही पूरी तैयारी के साथ बाजार जाए। अगर संभव हो तो इलाके में आने वाले ठेले से ही फल खरीदें। फलों को धोना न भूलें।
3) नमाज़ पढ़ने मस्जिद न जायें कोरोना को फैलने से रोकने के लिए भीड़ में जमा करने से बचना पहली शर्त है और आपको किसी भी कीमत पर इसका पालन करना चाहिए। रमजान के दिनों अपने घरों में ही नमाज पढ़ें। मस्जिद में एक साथ नमाज पढ़ने से कोरोना का संक्रमण फैल सकता है।
4) कमजोरी महसूस होने पर खोल लें रोजा रोजा रखना एक कठिन काम है क्योंकि रोजेदार को कम से कम 15 घंटे कुछ खाना या पीना नहीं होता है। जाहिर है ऐसे में बीमार लोगों को ब्लड प्रेशर या कमजोरी की समस्या हो सकती है। अगर आपने रोजा रखा भी है और आपको कुछ ऐसा महसूस होता है तो आपको रोजा बीच में ही खोल लेना चाहिए। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि डीहाइड्रेशन की वजह से वायरस की चपेट में आने के ज्यादा खतरा है।
5) बार-बार थूकने से बचें कहा जाता है कि रोजेदार को अपना थूक भी अंदर नहीं लेना चाहिए। यही वजह है कि रमजान के दिनों रोजेदार थूक देते हैं। जाहिर है अगर कोई संक्रमित है और वो बाजार गया है और वहां थूक दिया तो उससे और भी लोग संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए घर में ही रहेंगें।

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