जयपुर।विश्व इस समय खतरनाक कोरोना महामारी के दौर से गुजर रहा है।आज पूरे विश्व में लगभग 26 लाख 78 हजार से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाएं गए है और लगभग 1 लाख 80 हजार से अधिक लोगो की मौत हो चुकी है।विश्व के कई देशों के वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैज्ञानिक की खोज करने में लगे हुए है।लेकिन कोरोना वायरस की वैक्सिन आने में अभी 12 से 18 माह तक समय लग सकता है।
ऐसे में भारत के डॉक्टरों ने प्लाजा थैरेपी का सफल परीक्षण किया है।हमारे देश में अब तक 20 हजार से अधिक लोग कोरोना संक्रमित पाए गए है और करीब 600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।भारत में कोरोना संक्रमण के चेन सिस्टम को तोड़ने के लिए 3 मई तक लॉकडाउन किया गया है।
भारत के वैज्ञानिक कोरोना संक्रमण को रोकने वाले हर इलाज की खोज में लगे हुए है।जिसके चलते भारत की राजधानी दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल के प्रबंधन ने बताया है कि दिल्ली का एक कोरोना संक्रमित मरीज जो पहले बेहद गंभीर स्थिति में था।उस पर किए गए प्लाज्मा थैरेपी का इलाज सफल रहा है।
कोरोना वायरस के इलाज के लिए अब तक कोवैलेसेंट प्लाज्मा ट्रीटमेंट काफी मददगार साबित हुआ है।प्लाज्मा टीट्रमेंट की विधि में अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति के खून से प्लाज्मा निकालकर दूसरे बीमार शख्स में डाल दिया जाता है कोवैलेसेंट प्लाज्मा ट्रीटमेंट चिकित्सा विज्ञान की बेसिक तकनीक मानी जाती है।
कोवैलेसेंट प्लाज्मा तकनीक का इस्तेमाल पूरे विश्व में कई सालों से किया जाता रहा है।इससे कई प्रकार के गंभीर रोगो के इलाज में आसानी से इलाज किया जाता है।हालांकि जब तक कोरोना वायरस की दवा का निर्माण नही किया जाता है, तब तक प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण रोका जा सकता है।