पूरी दुनिया कोरोना के कहर से परेशान है। इससे बचने का केवल एक ही उपाय इस समय दिख रहा है लॉकडाउन। जिसकी वजह से लोगों का आना-जाना और बहुत सारे कामकाज ठप है। मनोरंजन जगत पर भी लॉकडाउन का असर है और सारे तरह के इवेंट वगैरह कैंसिल कर दिए गए हैं। ऐसे में फैशन डिजाइनरों के पास मौका है कि वो भी इस महामारी से लड़ने में लोगों की मदद करें। जिसमें वो अपना योगदान देते नजर आ रहे हैं।
दरअसल, इस महामारी से बचने के लिए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग और घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है। कई सारे शोध में ये बात सामने आई है कि आसानी से धो जाने वाले मास्क भी इस वायरस से बचाने में कामयाब हैं। जिन्हें पहनने के बाद अच्छे से धो दिया जाए। कोरोना वायरस के साथ इस लड़ाई में कहीं हम लोग पीछे न रह जाए इसलिए कई सारे फैशन डिजाइनरों ने अपने कारीगरों को मास्क बनाने के काम में लगा दिया है।
फैशन डिजाइनर अनीता डोंगरे महाराष्ट्र के गांवों की महिलाओं को कारीगरी सिखाकर उन्हें रोजगार देने लायक बनाती हैं। ऐसे में जब दुनियाभर के इवेंट और कार्यक्रम रद्द हैं तो इन कारीगरों के सामने अपनी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में इन कारीगरों को मास्क बनाने का काम सौंप दिया गया है।
हालांकि ये डिजाइनर इन मास्क को बनाकर गांवों से लेकर अस्पतालों, एनजीओं और लोगों को बांट रही हैं। अनीता डोंगरे ने बताया कि 24 कारीगर रोजाना सात हजार मास्क बनाकर इसे जरूरतमंदों को बांट रहे हैं। सबसे खास बात है कि ये मास्क दोबारा से इस्तेमाल किए जा सकने वाले हैं। कुछ गांवों और अस्पतालों के विशेष आग्रह पर विशेष तौर पर मास्क बनाकर भेजे जा रहे हैं।