भारतीय फैशन के सबसे बड़े नामों में शुमार डिजाइनर तरुण तहिलियानी ने फैशन उद्योग पर कोविड-19 के प्रभाव को लेकर कई अहम बातें कही हैं। आईएएनएस से विशेष बातचीत में उन्होंने इस संकट के बाद आने वाली आर्थिक मंदी, श्रमिकों के प्रवास और सोशल डिस्टेंसिंग से फैशन व्यवसाय पर होने वाले असर को बताया।प्रवासी श्रमिकों के घर जाने से उत्पादन पर होने वाले असर को लेकर तहिलियानी ने कहा, "हमारे जैसी कंपनियों में, शीर्ष कारीगर दैनिक वेतन भोगी नहीं हैं, बल्कि वेतन पर हैं। लेकिन एक तथ्य यह भी है कि बहुत सारे पारंपरिक शिल्पकार, खासकरके कढ़ाई का काम करने वाले डबल-डेली-वेज पर रहना पसंद करते हैं। इस तरह वे जब काम पर होते हैं तो घंटों काम करते हैं और त्योहारों के दौरान लंबी छुट्टियां लेते हैं। मुझे लगता है कि यह अवधि विशेष रूप से उनके लिए बहुत मुश्किल होने वाली है। हालांकि मुझे पूरा भरोसा है कि सरकार उनके लिए कुछ न कुछ करेगी।"उत्पादन और शिपिंग रूकने से स्प्रिंग-समर'20 के ऑर्डर को पूरा करने को लेकर यह इण्डस्ट्री क्या रूख अपनाएगी? इस पर तरुण ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि वैश्विक स्तर पर इस समय कोई भी कुछ खरीदने के बारे में सोच भी रहा है। लोग इस महामारी से निपटने में ही व्यस्त हैं। लेकिन हमें अपनी डिजिटल उपस्थिति बढ़ाने और लोगों को अपने विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से नया अनुभव देने के लिए निश्चित रूप से अधिक रचनात्मक होना होगा।"शिपमेंट बंद हैं, कई उत्पादकों के भुगतान रूके हुए हैं, क्या उन्हें इसके लिए चिंतित होना चाहिए? इस पर तरूण ने कहा, "बेशक लोगों को अपने भुगतान के बारे में चिंता करने की बहुत ज्यादा जरूरत है। वैसे भी फैशन उद्योग देरी से भुगतान करने के लिए प्रसिद्ध है। प्रमुख निर्यातकों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि अगर स्टोर चार सप्ताह के लिए बंद हो जाते हैं, तो शिपमेंट में चार सप्ताह तक देरी होगी। इसमें कोई कुछ नहीं कर सकता। "