उपमुख्यमंत्री सचिन पायलेट ने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा लाव-लश्कर के साथ पहुंचे गांव, श्रमिको की लगाई भीड़

नेशनल दुनिया, ग्राउंड रिपोर्ट सरकार भले ही सोशल डिस्टेंसिंग के पालन की लोगों से अपेक्षा रखती हो, लेकिन राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के एक लापरवाही भरे कदम ने सारे लॉक डाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाकर रख दी है।

उपमुख्यमंत्री पायलट के साथ ग्रामीण विकास मंत्रालय का जिम्मा संभाले रहे पीसीसी चीफ सचिन पायलट (Sachin Pilot) अपने विभाग के सभी अधिकारीयों और मीडिया​कर्मियों के लाव-लश्कर के साथ एक गांव में यह जताने पहुंच गए कि उन्हें ग्रामीण लोगों की कितनी परवाह है!
जहां केंद्र और राज्य सरकार की ओर से लागू की गई सोशल डिस्टेंसिंग के साथ काम कर रहे सभी लोगों की ना केवल भीड़ जमा कर दी, बल्कि यहां मौजूद लोग उनकी सरकार के ही मास्क पहने जाने नियमों की भी धज्जियां उनके सामने उड़ाते दिखे।
आज जबकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और उनके विभाग के सभी मंत्री सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपनी जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से निभाने का प्रयास करते हुए नजर आ रहे हैं, वहीं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलेट के इस एक कदम ने सबको चौंका कर रख दिया है।
आम दिनों में भी बमुश्किल अपने दफ्तर में नजर नहीं आने वाले सचिन पायलेट अपने ग्रामीण और पंचायत विभाग के सभी 35 अधिकारीयों को लेकर जयपुर के चाकसू विधानसभा इलाके में स्थित तितरिया गांव पहुंच गए, ताकि यह जता सके की उन्हें जनता की कितनी परवाह है।
खुद के इस कोशिश की खबर मीडिया में भी आकर वे सुर्खियों में आ सकें। इस लिहाज़ से मीडिया के लाव-शकर को भी अपने साथ लेकर वहां पहुंच गए। बस फिर क्या था दूर-दूर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ काम कर रहे सभी लोगों को उन्होंने अपने इर्द-गिर्द जमा कर लिया।
जब उपमुख्यमंत्री श्रमिकों के पास पहुंचे और अधिकारियों को सबके पास बुलाया, तो सोशल डिस्टें​सिंग की परवाह ना करते हुए सभी अधिकारी और मौके पर कार्य कर रहे लोग उन्हें घेरकर मजमा लगाकर खड़े हो गए।
हालांकि, सोशल डिस्टेंसिंग को लागू करने के दौरान राजस्थान सरकार ने मास्क पहनने का कानून लागू किया है। सचिन पायलट (Sachin Pilot) और उनके अधिकारी तो मास्क और दस्ताने पहने हुए थे, लेकिन बाकी सभी मजदूर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलेट के सामने बिना मास्क के ही खड़े होकर उनसे बातचीत कर रहे थे।
इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धजज्जियां उड़ाते हुए अधिकारी और ग्रामीण एक मीटर से भी कम की दूरी बनाकर उनसे बातचीत कर रहे थे। खुद सचिन मीडिया के सामने देखकर बार-बार मुस्काराते हुए अपना पोज़ भी दे रहे थे।
कैमरे में कैद हुई तस्वीरों में आप खुद देखिये कि उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के आने से पहले किस तरह श्रमिक दूरी बनाकर अपना काम कर रहे थे और उनके आते ही किस तरह लोगों ने डिप्टी सीएम के सामने ही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ानी शुरू कर दी। ऊपर से रही सही सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की धज्जियां उनके समर्थकों ने आकर उड़ा दी।
वैसे बतौर उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) को ग्रामीण इलाकों का दौरा करके श्रमिकों की समस्याओं को जानने और चल रहे कामों का जायजा लेने का पूरा अधिकार है, किंतु केवल मीडिया की सुर्खियां बनने के लिए इस तरह के लाव-लश्कर के साथ जाना और लोगों को अपने इर्द गिर्द घंटों जमा करना कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) मीडिया से दूरी बनाकर वीडियो के माध्यम से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं, तो इससे भी बड़ा सवाल यह है कि जब एक राज्य का उपमुख्यमंत्री ही इस तरह की तस्वीरों के साथ नज़र आता है तो बाकी लोगों से क्या उम्मीद की जा सकती है?
यह उस समय हुआ, जब आज ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने ऐलान किया है कि 5 से ज्यादा लोगों की भीड़ इकट्ठे होने पर 1000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया है। इस मजमे के वक्त 35 अधिकारियों की टीम साथ मीडिया वालों की गाड़ियां और जिस गांव में गए थे, वहां के अपने समर्थकों की फौज भी थी।

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