हेल्थ टिप्स: वॉक से आपके शरीर को क्या-क्या होते हैं लाभ, पढे

बिना किसी खर्च के फिट रहना चाहते हैं तो आपको वॉक की आदत डाल लेनी चाहिए. यह कार्डियोवस्क्यूलर अभ्यास है, जो सारे शरीर के लिए कार्य करती है. यह दिल, फेफड़े और हड्डियों की स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है और जोड़ों की हिफाजत करती है.

ऐसे करें वॉक वॉक के दौरान जितना बेहतर पोश्चर होगा, उतनी ही ज्यादा मसल्स प्रयोग होंगी व आप ज्यादा से ज्यादा कैलोरी बर्न करेंगे. इस दौरान शरीर को बिल्कुल सीधा रखें, चेहरे को कंधों के अच्छा बीच में व सीना तानकर रखें. कोहनियों को हल्का-सा मोड़ें व पैरों के मुताबिक बाजुओं को आगे और पीछे की ओर ले जाएं. पेट की मांसपेशियों को अंदर की तरफ व पैरों को जमीन पर जमाकर रखें. ध्यान रखें कि पहले एड़ी जमीन को छुए, उसके बाद पूरा पैर रखें.
वजन घटेगा वजन कम करने के लिए महत्वपूर्ण है कि आप ज्यादा कैलोरी बर्न करें व कम फैट खाएं इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप क्या खा रहे हैं. फैट्स व शुगर कम करें. आपको खुद को भूखा रखने की आवश्यकता नहीं है. बस बैलेंस्ड डाइट खाएं, जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अन्न व अंकुरित अन्न शामिल हो.
ये वॉक हैं बड़ी फायदेमंद पार्क आदि में नंगे पैर टहलने से ताजगी और ठंडेपन का अहसास होता है व बॉडी रिलेक्स महसूस करती है. हमारे पैरों का टचिंग सेंस यानी छूने का अहसास करीब-करीब हाथों जितना ही विकसित होता है. इससे शरीर की सजगता बढ़ती है, जो कि हर रिलैक्सेशन तकनीक का अहम पहलू है. ढलान पर चढ़ने से वर्कलोड बढ़ता है व ज्यादा कैलोरी बर्न होती है. इसे ज्यादा असरदार बनाने के लिए ऐसी ढलान चुनें, जो खड़ी हों. ध्यान रखें कि अपनी क्षमता को धीरे-धीरे बढ़ाएं. क्षमता वॉक का मकसद इतनी तेज गति से चलना चाहिए कि चाहें तो फौरन वॉक को दौड़ में तब्दील कर सकें. इससे न सिर्फ आप कैलोरी बर्न करते हैं बल्कि मांसपेशियों की ताकत व क्षमता भी बढ़ाते हैं. कैलोरी बर्न होने के साथ-साथ मांसपेशियां मजबूत होती हैं. शरीर को चोट लगने या टूट-फूट की सबसे कम संभावना होती है. ढलान पर चढऩे या उतरने से शरीर का पॉश्चर, तालमेल व संतुलन सुधरता है. दिल के रोगों की संभावना कम हो जाती है. हड्डियां मजबूत बनती हैं व शरीर में लचीलापन आता है.
चलने के साथ जॉगिंग वॉक के साथ बीच-बीच में जॉगिंग करना लाभकारी रहता है क्योंकि वॉक करने से हमारी बॉडी वार्मअप हो जाती है व जॉगिंग से टिश्यूज के टूटने या जोइंट पेन होने का भय नहीं रहता. एक दिन में ज्यादा से ज्यादा सिर्फ एक घंटे की वॉक ही करनी चाहिए.

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