उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ पवित्र धार्मिक स्थल है। यहां भगवान शिव कण-कण में विराजते हैं। यह उत्तराखंड के पावन चार धामों में से एक है। भगवान शिव शंकर को समर्पित उत्तराखंड का यह पावन धाम भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह उत्तराखंड के रुद्र प्रयाग जिले में स्थित है। श्री केदारनाथ जी का मंदिर 3593 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है। इस पावन धाम के कपाट अप्रैल के अंत में या मई की शुरुआत में खुलते हैं और नवंबर मध्य तक खुले रहते हैं। आज हम आपको केदारनाथ से जुड़ी धार्मिक मान्यता, केदारनाथ के साथ ही पंच केदार कौन- से हैं के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं...
केदारनाथ का धार्मिक महत्व केदारनाथ का धार्मिक महत्व सर्वोपरी है। धर्मशास्त्रों में केदारनाथ का बेहद ही महात्म्य बताया गया है। केदारनाथ के दर्शन से सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है। यह धार्मिक स्थल हिमालय की गोद में बसा है। केदारनाथ के अलावा यहां चार और केदार हैं जहां भगवान शिव विभिन्न रूपों में विराजमान हैं। आइए, पहले पंच केदार के बारे में विस्तार से जानते हैं...
पंच केदार केदारनाथ को बारहवें ज्योर्तिलिंग के रूप में जाना जाता है। पंच केदार में प्रथम भगवान केदारनाथ हैं। द्वितीय केदार मद्महेश्वर हैं। तृतीय केदार तुंगनाथ हैं। चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ और पंचम केदार कल्पेश्वर हैं।
मद्महेश्वर मंदिर यहां भगवान शिव मध्य भाग में विराजमान हैं। समुद्र तल से 12 हजार से ज्यादा ऊंचाई पर स्थित मद्महेश्वर के कपाल भी शीतकाल के लिए छह महीने तक बंद रहते हैं। यहां की नैसर्गिक सुंदरता आपका मन मोह लेगी। अगर आप केदारनाथ जा रहे हैं तो द्वितीय केदार मद्महेश्वर भी जरूर जाएं।
तुंगनाथ मंदिर भगवान शिव का यह मंदिर सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित है। तुंगनाथ समुद्र तल से 3680 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां भगवान शिव की भूजा के रूप में पूजा होती है।
रुद्रनाथ मंदिर रूद्रनाथ भगवान शिव का चौथा मंदिर है। यह मंदिर गुफा में स्थित है जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 2286 मीटर है। यहां भगवान शिव के चेहरे के दर्शन होते हैं। शिव यहां मुखर विंद रूप में विराजमान हैं।
कल्पेश्वर मंदिर कल्पेश्वर मंदिर पंचम केदार के रूप में प्रसिद्ध है। यहां भगवान शिव जटा रूप में विराजमान हैं। यहां आप बारहों महीने भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं। कल्पेश्वर मंदिर समुद्र तल से 2134 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।