नई दिल्ली (New Delhi) . जैव प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद विभाग ने कोविड -19 रिसर्च कंसोर्टियम के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे. आमंत्रण का पहला चरण 30 मार्च 2020 को समाप्त हुआ और शिक्षा जगत तथा उद्योग जगत से लगभग 500 आवेदन प्राप्त हुए. बहु-स्तरीय समीक्षा प्रक्रिया जारी है और उपकरणों, नैदानिक, वैक्सीन बनानेवालों, चिकित्सीय और अन्य हस्तक्षेपोंसे जुड़े 16 प्रस्तावों की सिफारिश वित्त-पोषण के लिए की है. वैक्सीन तैयार करने के लिए विभिन्न प्लेटफ़ॉर्मों का उपयोग करने वाले प्रस्तावों तथा ऐसे प्रस्ताव जो वैक्सीन विकास के विभिन्न चरणों में हैं, पर त्वरित निर्णय सुनिश्चित के लिए रिसर्च कंसोर्टियम के माद्यम से एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है.
इन प्रस्तावों को राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन के तहत वित्त पोषित किया जायेगा. इन दोनों श्रेणियों - उच्च जोखिम वाले समूहों की तत्काल सुरक्षा के लिए मौजूदा वैक्सीन के उद्देश्य का फिर से निर्धारण और नए वैक्सीन के विकास प्रस्तावों पर विचार किया था. नोवल कोरोनावायरस सार्स सीओवी-2 के खिलाफ डीएनए वैक्सीन के विकास को आगे बढ़ाने के लिए कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड को वित्त पोषण के समर्थन की सिफारिश की है. कोविड-19 (Kovid-19) वैक्सीन के लिए भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड की अनुशंसा की गई है जो निष्क्रिय रेबीज वेक्टर प्लेटफॉर्म का उपयोग करेगा.
इसके अलावा, तीसरे चरण के लिए उच्च जोखिम वाले लोगों में पुनर्संयोजित बीसीजी वैक्सीन (वीपीएम 1002) के मानव नैदानिक परीक्षणों के अध्ययन के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एसआईआईपीएल) की सिफारिश की गई है. नए वैक्सीन के विकास के मूल्यांकन की जिम्मेदारी निभानेवाली नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी, सार्स सीओवी - 2 के खिलाफ वैक्सीन विकास को समर्थन प्रदान करेगी. इस संस्थान को भी वित्तीय सहायता प्रदान करने की सिफारिश की गई है.