कोराना वायरस की वजह से जहां प्रदूषण कम हो गया है वहीं इसकी वजह से नदियों का पानी भी साफ व स्वस्छ हो गया है। लॉकडाउन की वजह से गंगा समेत तमाम छोटी-बड़ी नदियों का पानी साफ हो गया है।
ऐसे में गंगा को साफ करने के लिए शुरू किए गए 'नमामि गंगे' प्रोजेक्ट पर काफी सवाल उठ रहे हैं। बता दें कि गंगा को साफ करने के लिए पिछले कुछ सालों में नमामि गंगे परियोजना (Namami Gange) शुरु की गई थी। इस योजना के तहद गंगा को साफ करने के लिए अब तक लगभग 7000 करोड़ रुपए भी खर्च किए गए लेकिन इस प्रोजेक्ट की बजाए लॉकडाउन की वजह से गंगा नदी का पानी ज्यादा स्वस्छ हो गया है।
कैसे साफ हुई गंगा?
गंगा नदी में, बड़ी मात्रा में अस्थियां, औद्योगिक अपशिष्ट, अपशिष्ट जल डंप किया जाता है और नदी को कई धार्मिक स्थलों से निकाला जाता है। मगर, क्योंकि अब लोग घरों में हैं तो यह सब बंद हो गया है, जिसकी वजह से गंगा नदी साफ हो गई है। वहीं अब सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने का आदेश जारी किया गया है और लॉकडाउन के सभी फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया है, जिसकी वजह से भी नदियों का पानी बिल्कुल स्वस्छ हो गया है।
गंगा के पानी में बढ़ा ऑक्सीजन का स्तर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, रियल टाइम वॉटर मॉनिटरिंग में गंगा नदी का पानी 36 मानिटरिंग सेंटरों में से 27 में नहाने के लिए उपयुक्त पाया गया है। गंगा नदी की धारा में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ गया है और पानी की गुणवत्ता बेहतर हुई है। वहीं उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश समेत कई जगहों पर गंगा के पानी में काफी सुधार देखा गया है। हालांकि, घरेलू सीवरेज की गंदगी अभी भी नदियों में ही जा रही है।