एक ऐसा देश जिसे प्रचुर मात्रा में धूप मिलती है, वहां ज्यादातर लोगों में विटामिन डी कमी पाई जाती है। इतनी कमी की विटामिन डी लगभग महामारी बन गया है। बहुत अजीब सी बात है। लेकिन क्या करें कुछ महिलाओं के पास धूप में बैठने का समय नहीं हैं, तो कुछ काले होने के डर से धूप से डरती हैं। इसके अलावा महिलाओं में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण भी विटामिन डी कम होता है। मेनोपॉज के बाद और बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं में विटामिन डी की कमी ज्यादा पाई जाती है। साथ ही विटामिन-डी की कमी की बड़ी वजह खाने में रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल है। रिफाइंड ऑयल के इस्तेमाल से शरीर में कोलेस्ट्रॉल कण कम बनते हैं। शरीर में विटामिन-डी बनाने में कोलेस्ट्रॉल के कणों का काफी योगदान होता है। इसकी वजह से विटामिन-डी को शरीर में प्रोसेस करने में प्रॉब्लम आने लगती है।
जी हां विटामिन डी या 'सनशाइन विटामिन' एक आवश्यक पोषक तत्व है जो हड्डियों और दांतों को हेल्दी रखता है। यह बॉडी में कैल्शियम के विनियमन और अवशोषण में भी प्रमुख भूमिका निभाता है। कैल्शियम हड्डियों को मजबूत करता है लेकिन ऐसा सिर्फ विटामिन डी की उपस्थिति में उपयोगी है। विटामिन शरीर में सेल्स पर काम करता है और उन्हें आंतों से कैल्शियम को अवशोषित करने की अनुमति देता है। यह सुनिश्चित करता है कि शरीर में उपयोग करने के लिए पर्याप्त कैल्शियम है। इसलिए ये दोनों एक दूसरे के बिना कुछ नहीं कर सकते हैं। चिकित्सक और न्यूट्रीशनिस्ट इस कमी को एक गंभीर चिकित्सा स्थिति के रूप में देखते हैं। विटामिन डी के कई महत्वपूर्ण कार्य हैं। यह हड्डियों के घनत्व को बढ़ाने में मदद करता है और कुछ बीमारियों के खिलाफ बॉडी की इम्यूनिटी में सुधार करता है। यह हार्ट डिजीज और डायबिटीज जैसी क्रोनिक बीमारियों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही यह कोशिका वृद्धि को बढ़ावा देता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।सनलाइट विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत है। चूंकि तेज गर्मी हमें धूप के संपर्क से दूर रखती है, इसलिए डॉक्टर इसकी कमी को पूरा करने के लिए आमतौर पर विटामिन डी के सप्लीमेंट देते हैं। लेकिन आपको पता होना चाहिए कि कुछ प्राकृतिक स्रोत हैं जो आपकी बॉडी में विटामिन डी के लेवल को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। आइए आज विटामिन डी से भरपूर ऐसे ही कुछ प्राकृतिक चीजों के बारे में जानें।
मशरूम
मशरूम की पावर आपको अचरज में डाल देगी। जी हां इसे अपनी डाइट में हफ्ते में 4 बार शामिल करें और फिर देखें कि आपके विटामिन डी का लेवल कैसे बढ़ता है। जी हां मशरूम में भी विटामिन डी प्रचुर मात्रा में होता है। मशरूम सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर स्वाभाविक रूप से विटामिन डी का उत्पादन कर सकते हैं।
अंडे
अंडों को हेल्दी फूड माना जाता है, जो विटामिन डी से भरपूर होते हैं। हालांकि विटामिन डी की ज्यादा मात्रा अंडे की जर्दी में पाई जाती है। लेकिन फिर भी हमें इसको पूरा खाना चाहिए। अंडे का सफेद हिस्सा खाने से विटामिन डी की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होती।
चीज़
चीज़ किसे पसंद नहीं है? चीज किसी भी अन्य भोजन की तुलना में अधिक संतुष्टि प्रदान कर सकता है और हम आपको इसका मजा लेने का एक और कारण देने के लिए रोमांचित हैं। जी हां चीज़ विटामिन डी से भरपूर टॉप फूड्स में से एक है। अब आपके लिए सुबह के टोस्ट के अतिरिक्त चीज़ की लेयर लगाना बुरा विचार नहीं होगा। रिकोटा चीज़ अन्य चीज़ की तुलना में ज्यादा विटामिन डी देता है। इसलिए अपनी डाइट में इसे जरूर शामिल करें।
फिश
यूं तो सभी तरह की फिश में विटामिन डी बहुत अधिक मात्रा में होता है। लेकिन ऑयली और फैटी फिश में कम ऑयली फिश की तुलना में विटामिन डी ज्यादा होता है। ऑयली फिश में सालमोन में विटामिन डी बहुत अधिक होता है। सालमोन विटामिन डी की हमारी रोजाना जरूरत का एक तिहाई हिस्सा पूरा करने के लिए काफी होती है। अन्य सामान्य विकल्प ट्राउट, ट्यूना, मैकेरल, टूना या ईल शामिल हैं।
सोया मिल्क
सोया मिल्क प्लॉट-बेस मिल्क है जिसे ड्राई सोयाबीन को भिगोकर पानी के साथ पीसा जाता है। लेकिन इसमें रेगुलर गाय के दूध के बराबर प्रोटीन होता है, जो विटामिन डी, विटामिन सी और आयरन को बूस्ट करता है। इसलिए अपनी डाइट में इसे शामिल करें। विटामिन डी की कमी से बचने के लिए अपनी डाइट में विटामिन डी से भरपूर प्राकृतिक स्रोतों और कैल्शियम युक्त फूड्स को शामिल करें।