कोरोना वायरस कैसे फैलता है इसके बारे में हर कोई जानना चाहता है. ये इसलिए भी जरूरी है ताकि हम खुद का बचाव आसानी से कर सकें. इस क्रम में सबसे बड़ा सवाल इसके ट्रांसमिशन को लेकर है. जो बातें अभी तक वैज्ञानिकों की तरफ से आई हैं उन्हें तीन कैटेगरी में रखा जा सकता है. Symptomatic ट्रांसमिशन, Asymptomatic ट्रांसमिशन और Pre-Symptomatic ट्रांसमिशन .
Symptomatic ट्रांसमिशन- ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि कोरोना वायरस का ट्रांसमिशन ऐसे लोगों से होता है जिनमें बीमारी के लक्षण जाहिर होते हैं. संक्रमित शख्स के संपर्क में आने पर लोगों को ट्रांसमिशन का खतरा रहता है. लोग अधिक संक्रमित हो सकते हैं अगर संक्रमण के लक्षण पहले जाहिर हों.
Asymptomatic ट्रांसमिशन- इस तरह के मामले में कोई शख्स कोविड-19 से संक्रमित तो होता है, लेकिन उनके लक्षण जाहिर नहीं होते. यानि ऐसे लोगों को देखने से या मिलने से सीधे तौर पर बिल्कुल शक नहीं किया जा सकता है कि वे कोरोना से संक्रमित हैं. इस तरह का पहला केस महाराष्ट्र में आया और अब दिल्ली में भी ऐसा केस समाने आया है.
Pre-Symptomatic ट्रांसमिशन- कोविड-19 का लक्षण सामने आने में शुरू में 5-6 दिन लग सकते हैं. यहां तक कि बाद में बढ़कर 14 दिन भी हो सकता है. इस दौरान कुछ संक्रमित लोग तेजी से बीमारी फैला सकते हैं. लक्षण के जाहिर होने से पहले Pre-Symptomatic केस से ट्रांसमिशन हो सकता है. कंटैक्ट ट्रेसिंग और सघन जांच कर कलस्टर संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं. फिलहाल संदिग्धों की पहचान और ट्रेस करना मुश्किल हैं. कोई भी शख्स जो कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आया है उसको ट्रेस करना सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है.
Coronavirus: दुनियाभर की कई सरकारों-सेंट्रल बैंकों ने अब तक जारी किए 14 लाख करोड़ डॉलर
दिल्ली पुलिस ने कहा- सरकारी अस्पताल में कोरोना टेस्ट कराएं मौलाना साद और उसके सहयोगी