भारतीय भोजन में विभिन्न तैलों जैसे तिल, सरसों, मूँगफली, नारियल आदि से भोजन पकाया जाता है लेकिन केवल भोजन पकाने के लिये ही नहीं इन तैलों का कई आयुर्वेदिक प्रयोग भी होता है। विभिन्न तिलहनों में अलग अलग प्रकार का खनिज , विटामिन्स, प्रोटीन्स, अन्य पोषक तत्व आदि होते है, जो स्वस्थ शरीर के लिये आवश्यक है।
सेहत के लिए फायदेमंद है सरसो का तेल:
# सरसों के तेल की तासीर गर्म होने से सर्दियों में यह अत्यंत लाभकारी माना जाता है, सरसों के तेल की मालिश से कई रोगों के निदान में लाभ मिलता है।
# सरसों के तेल की मालिश करने से शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और रक्त संचार भी बेहतर होता है, यह शरीर में गर्माहट पैदा करने में भी मददगार होता है।
# दांतों की तकलीफ में सरसों के तेल में नमक मिलाकर रगड़ने से फायदा होता है, साथ ही दांत पहले से अधिक मजबूत हो जाते हैं।
# त्वचा संबंधी समस्याओं में भी बेहद फायदेमंद होता है। यह शरीर के किसी भी भाग में फंगस को बढ़ने से रोकता है और त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है।
# सरसों के तेल की मालिश से गठिया रोग और जोड़ो का दर्द भी ठीक हो जाता है। ठंड के दिनों में सरसों का तेल गर्माहट के लिए रामबाण इलाज है।