जामुन अम्लीय प्रकृति का फल है, जामुन में भरपूर मात्रा में ग्लूकोज व फ्रुक्टोज होता है. जामुन में लगभग वे सभी महत्वपूर्ण लवण पाए जाते हैं जिनकी शरीर को जरूरत होती है. जामुन अप्रेल से जुलाई के महीने तक उपलब्ध रहता है. जामुन का फल, छाल, पत्ते व गुठली भी अपने औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. यह शीतल, एंटीबायोटिक, रुचिकर, पाचक, पित्त-कफ व रक्त विकारनाशक होता है.
दांत व मसूड़ों से जुड़ी समस्याओं के निवारण के लिए जामुन लाभकारी होता है. जामुन की गुठली को पीस इससे मंजन करने से दांत व मसूड़े स्वस्थ रहते हैं. इसमें विटामिन बी व आयरन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. इसे खाने से कैंसर, मुँह के छाले आदि रोगों से छुटकारा मिलता है. जामुन स्कीन का रंग निखारता है. जिन लोगों को सफेद दाग हैं उनके लिए जामुन बहुत ही लाभकारी होता है. जामुन का पेस्ट बना कर उसे अपने सफेद दागों पर लगाएं, इससे आपके दाग हल्के पड़ने लगेंगे व थोड़े समय बाद हट जाएंगे. मधुमेह के रोगियों के लिए भी जामुन अत्यधिक गुणकारी फल है. जामुन की गुठलियों को सुखाकर पीस लें. इस पावडर को फाकने से मधुमेह में फायदा होता है. उल्टी होने पर जामुन का रस सेवन करें.
जामुन का पका हुआ फल पथरी के रोगियों के लिए रोग निवारक दवा है. पथरी बन भी गई तो इसकी गुठली के चूर्ण का इस्तेमाल दही के साथ करने से फायदा मिलता है.
जामुन का लगातार सेवन करने से लीवर में बहुत ज्यादा सुधार होता है. कब्ज व उदर रोग में जामुन का सिरका उपयोग करें मुंह में छाले होने पर जामुन का रस लगाएं. भूख नहीं लगने पर जामुन का सेवन लाभदाक होता है. यह पाचक भी है. मुंहासे होने पर जामुन की गुठलियों को सुखाकर पीस लें. इस पावडर में थोड़ा सा गौ माता का दूध मिलाकर मुंहासों पर रात को लगा लें, प्रातः काल ठंडे पानी से मुंह धोएं फायदा मिलेगा.