कोरोनावायरस के टेस्ट की जांच को लेकर भारतीय वैज्ञानिकों ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। भारतीय वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के टेस्ट के लिए एक पेपर बेस्ड स्ट्रिप तैयार की है जो कि मिनटों में इस टेस्ट का रिज्लट देगी। इस किट का नाम Feluda रखा गया है। ये स्ट्रिप बनाई है काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनॉमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बॉयलजी (CSIR-IGIB) की टीम ने।
आईजीआईबी के वैज्ञानिक डॉ. सौविक मैती और डॉ. देबज्योति चक्रवर्ती की अगुवाई वाली टीम द्वारा विकसित यह किट एक घंटे से कम समय में कोरोना वायरस के बारे में पता लगाती है। इसकी खास बात ये है कि ये बाकीयों के मुकाबले काफी सस्ती है।
वहीं अगर हम बात करें रियल टाइम पॉलीमर्ज चैन रिएक्शन टेस्ट (RT-PCR) की तो उसका दाम प्राइवेट लैब्स में तकरीबन 4500 है मगर Feluda टेस्ट महज 500 में होता है। ये स्ट्रिप वैसे ही काम करती है जैसे कि प्रेग्नेंसी टेस्ट स्ट्रिप काम करती है।
कलर चेंज से लग जाएगा पता- इस तरह की कम लागत वाली व जल्दी रिज्लट देने वाली किट्स तैयार करने में आमतौर पर वैज्ञानिकों को दो से तीन साल लग जाते है। मगर भारत दुनिया के उन तीन-चार देशों में शामिल है जो इन्हें बनाने में सबसे आगे हैं। CSIR ने डायरेक्टर जनरल शेखर सी. मंडे ने बताया कि, 'इस स्ट्रिप का यूज करने के लिए ना तो किसी मशीन की जरूरत है, ना ही कोई खास स्किल चाहिए। यह स्ट्रिप सिर्फ अपना रंग बदलेगी। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात ये 100 फीसदी एक्युरेट रिजल्ट देगी। ये टेस्ट किट CRISPR जीन-एडिटिंग टेक्नोलॉजी का यूज करती है। इस तकनीक का इस्तेमाल पहले जीका वायरस की टेस्टिंग के लिए भी हो चुका है।
Feluda नाम कैसे पड़ा?
चक्रवर्ती ने बताया कि हमारे वैज्ञानिक इस टूल पर दो साल से काम कर रहे हैं। जनवरी के अंत में, चीन में कोरोना का प्रकोप बढ़ा तो कोविड-19 का पता लगाने में हमने इसका प्रयोग किया। वहीं इसका फेलू दा नाम दरअसल महान फिल्मकार सत्यजीत रे के बनाए एक काल्पनिक जासूस का नाम पर पड़ा। इसे डेवलप करने वाली टीम के मुताबिक, फेलू दा के जैसे यह टेस्ट भी कुछ मिनटों में वायरस का पता लगा लेगा और जल्द से जल्द रिज़ल्ट दे देगा। फिलहाल टीम इस स्ट्रिप की सेंसिटिविटी टेस्ट कर रही है।