कोरोना वायरस को लेकर जहां आए दिन कोई ना कोई बुरी खबर सुनने को मिल रही हैं वहीं इसी बीच कुछ अच्छी बातें भी हो रही हैं। वहीं हाल ही में IIT रोपड़ के शोधकर्ताओं की एक टीम ने वार्डबॉट (WardBot) नामक एक अवधारणा विकसित की है, जो कोरोना की लड़ाई में काफी मददगार साबित हो सकती है।
दरअसल, शोधकर्ताओं का यह कांसेप्ट कोविड-19 मरीज के वार्ड में किसी भी स्टाफ सदस्य के दाखिल होने की जरूरत को खत्म कर देगा। इससे स्टाफ कोरोना मरीज के सीधे संपर्क में आने से बचे रहेंगे। इसकी वजह से कोरोना मरीज के इलाज के दौरान डॉक्टर, स्टाफ, वार्ड ब्वॉय को उनके पास जाने की जरूरत नहीं होगी।
आईआइटी डिपार्टमेंट ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग की हेड व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एक सिंगला की टीम के युवा इंजीनियरों ने वार्ड बोट रोबोट का मॉडल तैयार किया है। डॉ. एकता सिंगला ने कहा कि यह रोबोट जरूरी दवा, मेडिसन, खाद्य पदार्थ कोविड-19 मरीजों तक पहुंचाएगा। रोबोट को कंट्रोल रूम से कंट्रोल किया जा सकेगा।
आईआइटी टीम इस वार्ड बोट पर 4 महीने से काम कर रही है। यह कोविड-19 भारत में आने से पहले की बात है। सामग्री प्राप्त करने के संकेत के रूप में, बाइट को बाय करने के लिए क्वारंटाइज्ड व्यक्ति के लिए सरल जेस्चर सेंसर का उपयोग करता है। यह कम रोशनी की स्थिति में भी काम कर सकता है, सामाजिक गड़बड़ी और बाधा से बचाव को बनाए रख सकता है।
फिलहाल कर्फ्यू के कारण उनके पास सामान उपलब्ध नहीं है इसलिए वार्ड बोट अभी तैयार नहीं हो सका लेकिन जल्द ही इसपर काम शुरू किया जाएगा।